सैन्यकर्मियों को उपहास का पात्र दिखाने वाले विज्ञापनों पर रोक लगे: भाजपा सांसद

BJP
Creative Common Licences.

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राजेंद्र अगवाल ने सदन में नियम 377 के तहत इस विषय को उठाते हुए कहा कि टीवी पर एक मसाला कंपनी के विज्ञापन में सेना के एक अधिकारी को ‘विदूषक’ की तरह दिखाया जाता है।

नयी दिल्ली|  टेलीविजन पर एक विज्ञापन में सेना के एक अधिकारी का कथित उपहास किये जाने के विषय को लोकसभा में उठाते हुए भाजपा के एक सदस्य ने इस तरह के विज्ञापनों पर तत्काल रोक लगाने की मांग की।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राजेंद्र अगवाल ने सदन में नियम 377 के तहत इस विषय को उठाते हुए कहा कि टीवी पर एक मसाला कंपनी के विज्ञापन में सेना के एक अधिकारी को ‘विदूषक’ की तरह दिखाया जाता है।

उन्होंने कहा कि सैन्यकर्मियों को इस तरह उपहास का पात्र बनाना बिल्कुल उचित नहीं है और सरकार को इस पर संज्ञान लेना चाहिए तथा इस तरह के विज्ञापनों पर रोक लगाई जानी चाहिए। वहीं, तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने सरकार से अग्निपथ योजना को वापस लिये जाने की मांग की।

उन्होंने शून्यकाल में इस विषय को उठाते हुए कहा कि अग्निपथ योजना में चार साल की सेवा के बाद केवल 25 प्रतिशत जवानों को नियमित किया जाएगा और बाकी को सेवामुक्त कर दिया जाएगा। राय ने कहा कि लोग सवाल पूछ रहे हैं कि चार साल बाद उनके कॅरियर का क्या होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरा सरकार से अनुरोध है कि इस (अग्निपथ) पर गंभीरता से पुनर्विचार कर इसे देशहित में वापस लिया जाए।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़