चुनावी बांड से भाजपा की आय में भारी कमी, 2,555 करोड़ से घटकर 22 करोड़ रुपये हुआ
पिछले वित्त वर्ष में भाजपा ने 3,623.28 करोड़ रुपये की कुल आय की घोषणा की थी और उसने 1651.02 करोड़ रुपये ही खर्च किए थे। मार्च 2021 तक चुनावी बांड से पार्टी को 22.38 करोड़ रुपये हासिल हुए, जबकि मार्च 2020 में उसने चुनावी बांड के जरिए 2,555 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त की थी।
वित्त वर्ष 2021 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कुल आय में 80 प्रतिशत अर्थात 752 करोड़ रुपये की गिरावट आई है क्योंकि इस दौरान चुनावी बांड के जरिए दान के रूप में उसे मिलने वाली राशि पिछले वित्त वर्ष के 2,555 करोड़ के मुकाबले घटकर 22.38 करोड़ हो गई। निर्वाचन आयोग में 21 मई को दायर वित्त वर्ष 2020-21 के ऑडिट रिपोर्ट में भाजपा ने अपना कुल खर्च 620.39 करोड़ रुपये दर्शाया है जबकि आय 752.33 करोड़ रुपये बतायी है। पिछले वित्त वर्ष में भाजपा ने 3,623.28 करोड़ रुपये की कुल आय की घोषणा की थी और उसने 1651.02 करोड़ रुपये ही खर्च किए थे। मार्च 2021 तक चुनावी बांड से पार्टी को 22.38 करोड़ रुपये हासिल हुए, जबकि मार्च 2020 में उसने चुनावी बांड के जरिए 2,555 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त की थी।
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चुनाव प्रचार मद के तहत भाजपा ने निर्वाचन आयोग को 421 करोड़ रुपये का खर्च दिखाया है जबकि पिछले वित्त वर्ष में उसने इस मद में 1352 करोड़ रुपये का खर्च दर्शाया था। पार्टी ने विज्ञापनों, हेलीकॉप्टर के किराए, विमान, होर्डिंग, कट-आउट, उम्मीदवारों को वित्तीय सहायता और अन्य को अनुदान में इन खर्चों का दर्शाया गया है। आम तौर पर लोकसभा चुनाव के दौरान आय और खर्च में वृद्धि होती है। चुनावी बांड का इस्तेमाल व्यक्तियों, संस्थाओं और संगठनों द्वारा राजनीतिक दलों को चंदा देने के लिए किया जाता है।
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