रोहतक की Kalanaur सीट से भाजपा ने Renu Dabla को मैदान में उतारा, बतौर स्टाफ नर्स कर चुकी हैं काम
कलानौर सीट पर महिलाओं का दबादबा 1991 से रहा है। कांग्रेस के टिकट पर लगातार चौथी बार चुनाव जीतने के लिए मैदान में उतरीं शकुंतला खटक के मुकाबले भाजपा ने रेनू डाबला को मैदान में उतारा है। पहले दोनों ही स्टाफ नर्स थीं। कलानौर सीट एससी वर्ग के लिए आरक्षित हैं। जिसे कांग्रेस का एक मजबूत गढ़ माना जाता है।
हरियाणा में रोहतक की कलानौर (एससी) सीट पर महिलाओं का दबादबा 1991 से रहा है। कांग्रेस के टिकट पर लगातार चौथी बार चुनाव जीतने के लिए मैदान में उतरीं शकुंतला खटक के मुकाबले भाजपा ने रेनू डाबला को मैदान में उतारा है। पहले दोनों ही स्टाफ नर्स थीं। कलानौर सीट एससी वर्ग के लिए आरक्षित हैं। जिसे कांग्रेस का एक मजबूत गढ़ माना जाता है। इस सीट पर 1991 से ही महिलाओं का काफी दबादबा रहा है। 1991,1996 व 2005 में कांग्रेस की करतार देवी विधायक बनीं तो वहीं, 2009, 2014 व 2019 में शकुंतला खटक विधायक चुनी गई थीं।
शुकंतला खटक पर कांग्रेस ने भरोसा जताते हुए चौथी बार फिर मैदान में उतारा है। जिनको जीत दर्ज करने से रोकने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने रोहतक नगर निगम की पूर्व मेयर रेनू डाबला को अपना उम्मीदवार बनाया है। धानक समाज से संबंध रखने वाली शकुंतला खटक और रेनू डाबला राजनीत में आने से पहले स्टाफ नर्स थीं। 2024 के विधानसभा चुनावी रण में दो स्टाफ नर्सों के आमने-सामने आने से चुनावी जंग रोचक होने की उम्मीद है। 2019 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की शंकुतला खटक को भाजपा के रामअवतार वाल्मीकि ने कड़ी टक्कर दी थी।
पिछले विधानसभा चुनाव में लगातार दो बार की विधायक शुकंतला खटक को 61935 तो रामअवतार वाल्मीकि को 51286 वोट मिले थे। 8451 वोटों के साथ जजपा के राजेंद्र वाल्मीकि तीसरे और 5595 वोटों के साथ बसपा की कश्मीरी देवी चौथे नंबर पर रही थीं। शकुंतला खटक इससे पहले 2009 व 2014 में विधायक बनी थी। 2024 के विधानसभा चुनाव में भले ही कांग्रेस की शकुंतला खटक और भाजपा की रेनू डाबला एक दूसरे को टक्कर देने के लिए चुनाव रण में उतर चुकी हो, परंतु दोनों की राजनीतिक लॉचिंग के पीछे हुड्डा का हाथ रहा है। 2024 में कलानौर का मुकाबला रोचक बनाने के लिए आमने सामने आई शुकंतला व रेनू के राजनीति में आने के किस्से भी उतने ही रोचक हैं।
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