चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा के बाद बोलीं सुमित्रा, मैंने भाजपा को कर दिया चिंतामुक्त
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि मैंने बहुत सोच-समझ कर यह घोषणा की है, क्योंकि मुझे कई दिन से महसूस हो रहा था कि भाजपा का केंद्रीय संगठन इंदौर लोकसभा क्षेत्र के चुनावी टिकट पर संभवतः किसी संकोच में फैसला नहीं ले पा रहा है।
इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर क्षेत्र से भाजपा का उम्मीदवार बदले जाने की अटकलों के बीच लोकसभा अध्यक्ष एवं स्थानीय सांसद सुमित्रा महाजन ने शुक्रवार को ऐलान किया कि वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी, जिसके बाद सियासी सरगर्मी बढ़ गयी है। पिछले 30 सालों में भाजपा के लिये लगातार आठ बार इंदौर सीट जीतने वाली महाजन ने इस क्षेत्र के टिकट को लेकर पार्टी के अनिर्णय पर अप्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि उन्होंने खुद ही अपनी दावेदारी वापस लेकर भाजपा संगठन को चिंतामुक्त कर दिया है। लोकसभा अध्यक्ष ने यहां प्रेस बयान जारी कर इंदौर से चुनावी दावेदारी छोड़ने की घोषणा की।
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इसके बाद महाजन ने यहां संवाददाताओं से कहा कि मैंने बहुत सोच-समझ कर यह घोषणा की है, क्योंकि मुझे कई दिन से महसूस हो रहा था कि भाजपा का केंद्रीय संगठन इंदौर लोकसभा क्षेत्र के चुनावी टिकट पर संभवतः किसी संकोच में फैसला नहीं ले पा रहा है। ऐसा भी हो सकता है कि वे (भाजपा के शीर्ष नेता)यह सोचकर चिंतित हो रहे हों कि इंदौर के चुनावी टिकट के बारे में पार्टी के फैसले के बारे में ताई (महाजन का लोकप्रिय नाम) को कैसे बताया जाये और यह निर्णय सुनकर मुझे कैसा लगेगा? लिहाजा मैंने पार्टी को चिंतामुक्त कर दिया है।
महाजन ने कहा कि मैंने अपनी तरफ से कह दिया है कि मैं इंदौर से लोकसभा चुनाव नहीं लडूंगी। लिहाजा पार्टी को इस सीट से उम्मीदवार की घोषणा में अब कोई संकोच नहीं करना चाहिये। भाजपा की वरिष्ठतम नेताओं में शुमार महाजन ने बताया कि उन्होंने इंदौर से लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने के अपने फैसले के बारे में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को भी पत्र भेज दिया है। महाजन वर्ष 1989 से इंदौर सीट से लगातार चुनाव जीत रही हैं और इस बार भी उन्हें इसी क्षेत्र से टिकट का शीर्ष दावेदार माना जा रहा था। लेकिन, इंदौर सीट से भाजपा उम्मीदवार की घोषणा में देरी के चलते अटकलों के सियासी गलियारों में यह सवाल जोर पकड़ रहा था कि क्या लालकृष्ण आडवाणी (91) और मुरली मनोहर जोशी (85) सरीखे वरिष्ठतम भाजपा नेताओं की तरह महाजन को भी इस बार चुनावी समर से विश्राम दिया जायेगा?
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इसी महीने की 12 तारीख को 76 साल की होने जा रहीं महाजन ने कहा कि मैं यहां-वहां से 75 साल की कैटेगरी (75 साल से ज्यादा उम्र के भाजपा नेताओं को चुनाव नहीं लड़ाने की चर्चा) के बारे में भी सुन रही थी । अब तो मैं इस कैटेगरी में भी आ गयी हूँ। उन्होंने कहा कि कल से हिंदू नववर्ष शुरू हो रहा है। लिहाजा मैंने सोचा कि हमारी पार्टी के केंद्रीय संगठन में जितने भी लोग हैं, वे नये साल में (इंदौर के चुनावी टिकट के बारे में) अच्छा निर्णय ले सकते हैं। बहरहाल, सियासी आलोचक महाजन की चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा के बारे में यह भी कह रहे हैं कि उन्होंने इंदौर से अपनी उम्मीदवारी के पक्ष में भाजपा संगठन पर निर्णायक दबाव बनाने के लिये बड़ा दांव चला है। इस बारे में सवाल किये जाने पर महाजन ने जवाब दिया कि आलोचकों का मुंह कोई बंद कर सकता है क्या? आलोचकों का काम ही आलोचना करना है।
जब उनसे पूछा गया कि अगर भाजपा अब भी उन्हें इंदौर से चुनावी टिकट देने का फैसला करती है, तो क्या वह अपने चुनाव नहीं लड़ने के फैसले पर दोबारा विचार करेंगी, तो उन्होंने सीधा उत्तर देने से बचते हुए कहा कि वह हम बाद में देखेंगे। अभी तो मैंने पार्टी को अपना निर्णय बता दिया है। महाजन ने भाजपा संगठन से यह मांग भी की कि इंदौर लोकसभा क्षेत्र में 19 मई को होने वाले मतदान के मद्देनजर पार्टी के उम्मीदवार की घोषणा में अब और देरी नहीं की जाये। उन्होंने कहा कि मैं चाहती हूँ कि इंदौर के चुनावी टिकट को लेकर भाजपा का केंद्रीय संगठन जल्द फैसला करे, क्योंकि चुनाव प्रचार के लिये दिन लगातार कम होते जा रहे हैं।
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वर्ष 1982 में इंदौर नगर निगम के चुनावों में पार्षद पद की उम्मीदवारी से अपने चुनावी करियर की कामयाब शुरूआत करने वाली महाजन ने कहा कि भाजपा ने मुझे बहुत कुछ दिया है। लेकिन अब मैंने पार्टी को (इंदौर के चुनावी टिकट को लेकर) चिंतामुक्त कर दिया है। मैं आज भी पार्टी की कार्यकर्ता हूँ। हम सब मिलकर जी-जान से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे।
Lok Sabha Speaker Sumitra Mahajan's letter announcing that she doesn't want to contest the 2019 elections. She also asks why a candidate has not been declared yet from Indore, appeals to BJP to name a candidate pic.twitter.com/zruHJVCBXF
— ANI (@ANI) April 5, 2019
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