राजभवन के खिलाफ ‘असंवैधानिक वक्तव्य’ पर विधानसभाध्यक्ष के खिलाफ भाजपा ने कार्रवाई की मांग की
भाजपा ने कहा कि राज्य विधानसभा अध्यक्ष का पद दल और राजनीति से परे, निष्पक्ष होता है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की झारखंड इकाई ने ‘अपने संवैधानिक पद की मर्यादा कथित रूप से नीचा गिराने‘ को लेकर विधानसभाध्यक्ष रवीन्द्रनाथ महतो की मंगलवार को आलोचना की और तथा ‘‘असंसदीय एवं असंवैधानिक वक्तव्य’’ देने को लेकर उनके खिलाफ विधिसम्मत कार्रवाई करने की मांग की है। यह हमला ऐसे समय किया गया है जब एक दिन पहले ही महतो ने राजभवन पर ‘भाजपा के इशारे’ पर काम करनेतथा विधानसभा में राज्य सरकार द्वारा पारित कराये गये अहम विधेयकों को लटकाने का आरोप लगाया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद दीपक प्रकाश के नेतृत्व में पार्टी के एक सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से यहां मुलाकात की और उनसेमहतो के खिलाफ उनकी असंवैधानिक टिप्पणियों के मामले में तत्काल विधिसम्मत कार्रवाई करने की मांग की।
इस भेंट के बाद भाजपा ने कहा, ‘‘विधानसभा अध्यक्ष , मुख्यमंत्री तथा सरकार में संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों के द्वारा लगातार असंसदीय और असंवैधानिक वक्तव्य दिए जा रहे हैं। ऐसा लगता है कि ये सब इनके आचरण और व्यवहार का अंग बन चुका है।’’ भाजपा ने कहा है, ‘‘26जून 2023 को झारखंड विधानसभा अध्यक्ष ने जिस प्रकार से झारखंड मुक्ति मोर्चा के मंच पर बैनर के नीचे झामुमो कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सीधे राजभवन पर गंभीर आरोप लगाए यह पूरी तरह उनके पद की गरिमा, और मर्यादाओं के खिलाफ है।’’ भाजपा ने कहा कि राज्य विधानसभा अध्यक्ष का पद दल और राजनीति से परे, निष्पक्ष होता है।
परंतु झारखंड के वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष के द्वारा सारी सीमाओं का उल्लंघन किया जा रहा है। ज्ञातव्य है कि हाल में झामुमो के एक कार्यक्रम में विधानसभाध्यक्ष ने राजभवन पर भाजपा के इशारों पर काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कहा था कि विधानसभा में पारित अनेक विधेयकों को अपनी स्वीकृति न देकर राजभवन उन्हें लटकाने का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार ने सरना कोड पारित करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया था लेकिन राजभवन ने यह विधेयक लौटा दिया।
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