विधानसभा चुनाव में नहीं चलेगा तीर, EC से नीतीश को लगा बड़ा झटका
जदयू का भी वर्तमान में झारखंड से न कोई विधायक है और ना सांसद। इसलिए विधानसभा चुनाव में अगर जदयू को तीर चुनाव चिन्ह आवंटित किया जाता है तो मतदाताओं में कन्फ्यूजन पैदा होगा।
झारखंड में होनेवाले आगामी विधानसभा चुनाव में जदयू तीर चुनाव चिन्ह पर चुनाव नहीं लड़ सकेगा। भारत निर्वाचन आयोग ने निर्देश दिया है कि जनता दल (यूनाइटेड) को झारखंड और महाराष्ट्र राज्यों में चुनाव लड़ने के लिए अपने आरक्षित प्रतीक "तीर" का उपयोग करने के लिए रियायत नहीं दी जाएगी। झामुमो ने भी 24 जून 2019 को निर्वाचन आयोग को पत्र लिख कर झारखंड विधानसभा चुनाव में जदयू के लिए तीर चुनाव चिन्ह फ्रीज नहीं करने की मांग की।
Jharkhand Mukti Morcha (JMM) had submitted an application on 24 June, 2019 to EC requesting
— ANI (@ANI) August 26, 2019
not to grant concession for allotment of "Arrow", to the candidates set up by JD(U) in any election in the state of Jharkhand, stating that it will create confusion in minds of electors. https://t.co/OvSVs2zPyf
उसके पक्ष में झामुमो ने कई तर्क दिए। जिसमें यह भी कहा गया कि जदयू का गठन 2003 में हुआ जबकि झामुमो को अविभाजित बिहार के समय 1985 में ही तीर-धनुष चुनाव चिन्ह आवंटित किया गया था। जदयू का भी वर्तमान में झारखंड से न कोई विधायक है और ना सांसद। इसलिए विधानसभा चुनाव में अगर जदयू को तीर चुनाव चिन्ह आवंटित किया जाता है तो मतदाताओं में कन्फ्यूजन पैदा होगा। महाराष्ट्र में भी शिवसेना और जदयू का चुनाव चिन्ह एक समान होने की वजह से चुनाव लड़ने के लिए अपने आरक्षित प्रतीक "तीर" का उपयोग नहीं कर सकेगी जदयू।
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