बिहार चुनाव: सवर्णों पर पकड़ बनाए रखने के साथ ओबीसी, दलितों को लुभाने की कोशिश में भाजपा
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के साथ सीट बंटवारे की व्यवस्था के तहत भाजपा को इनमें से आधी से अधिक सीटें मिली है। भाजपा ने दूसरे चरण के चुनाव वाली सीटों में से 20 पर पिछले विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी जिनमें से चार सीटों सुगौली, चनपटिया, सीवान और अमनौर में इसके निवर्तमान विधायक इस बार टिकट से वंचित रह गए हैं।
सुगौली सीट जदयू के खाते में चली गयी है और भाजपा ने शेष तीन सीटों पर इस बार नए चेहरों पर भरोसा किया है। बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए भाजपा द्वारा घोषित 46 उम्मीदवारों में से लगभग आधे उम्मीदवार उच्च जातियों राजपूत, भूमिहार, ब्राह्मण, कायस्थ और वैश्य से आते हैं जो राज्य में पार्टी का मुख्य आधार हैं। भाजपा ने यादव समुदाय से आठ उम्मीदवारों को टिकट दिया है, जिसके जरिए पार्टी ने राज्य में सबसे बड़े ओबीसी समूह में सेंध लगाने की कोशिश कर रही है। सभी 115 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा करने वाली जदयू ने भी पर्याप्त संख्या में यादव समुदाय के लोगों को मैदान में उतारा है। भाजपा की सूची में अन्य ओबीसी समूहों के उम्मीदवार भी शामिल हैं तथा सात आरक्षित निर्वाचन क्षेत्रों में कई दलित उम्मीदवार पार्टी के लिए वोट मांगते नजर आएंगे। भागलपुर से भाजपा ने इस बार पार्टी के जिला इकाई प्रमुख राहुल पांडेय को मैदान में उतारा है। एक अन्य उम्मीदवार पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता निखिल आनंद हैं, जो मनेर में राजद के कद्दावर नेता भाई वीरेंद्र को चुनौती देंगे।केंद्रीय चुनाव समिति, भाजपा ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए निम्नांकित उम्मीदवारों की सूची जारी की है।
— BJP Bihar (@BJP4Bihar) October 11, 2020
हमारी शुभकामनाएं! विजयी भव!! pic.twitter.com/u1zxpkItqL
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पूर्व सांसद ओम प्रकाश यादव को सिवान विधानसभा क्षेत्र से भाजपा ने उम्मीदवार बनाया है। पड़ोसी दारौंदा विधानसभा सीट से भाजपा ने बागी करणजीत सिंह, जिन्होंने कविता सिंह के सिवान से लोकसभा के चुने जाने पर हुए उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीत दर्ज की थी, इस बार पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार के तौर पर इस सीट को बरकरार रखने का प्रयास कर रहे हैं। भाजपा की इस सूची में दो राज्य मंत्री नंद किशोर यादव और राणा रणधीर क्रमशः पटना सिटी और मधुबन से फिर से चुनाव में अपना भाग्य आजमाएंगे। भाजपा ने बिहार विधानसभा चुनाव के पहले दो चरणों के लिए कुल 75 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं लेकिन इसमें एक भी मुस्लिम को टिकट नहीं दिया गया है, हालांकि उसकी सहयोगी जदयू ने लगभग 12 मुस्लिम उम्मीदवार को चुनावी मैदान में उतारा है।
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