छत्तीसगढ़ से बड़ी ख़बर: ईडी छापे में आईएएस अधिकारी समेत तीन लोग न्यायिक हिरासत में
ईडी के सूत्रों ने बताया कि एजेंसी की यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ में ट्रांसपोर्टरों से कुछ व्यवसासियों और लोगों द्वारा कथित अवैध कमीशन के धन शोधन से जुड़ी है। उन्होंने बताया कि जांच एजेंसी ने आईएएस अधिकारी और रायगढ़ की जिलाधिकारी रानू साहू के आवास और कार्यालय में भी छानबीन की थी।
छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के छापों के बाद गिरफ्तार भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी समीर विश्नोई सहित तीन लोगों को ईडी की विशेष अदालत ने बृहस्पतिवार को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। अधिवक्ताओं ने बताया कि 13 अक्टूबर को गिरफ्तार आईएएस अधिकारी विश्नोई, इंदरमणि समूह के कारोबारी सुनील अग्रवाल और फरार कारोबारी सूर्यकांत तिवारी के चाचा लक्ष्मीकांत तिवारी की हिरासत अवधि पूरी होने पर ईडी ने आज उन्हें विशेष अदालत के चतुर्थ अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत के समक्ष पेश किया जहां से उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
इससे पहले अदालत ने तीनों को आठ और छह दिनों के लिए ईडी की हिरासत में भेजा था। लक्ष्मीकांत तिवारी के अधिवक्ता फैजल रिजवी ने बताया कि अदालत ने आईएएस अधिकारी समेत तीनों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। उन्हें 10 नवंबर को अदालत में पेश किया जाएगा। गौरतलब है कि ईडी ने 11 अक्टूबर से राज्य के रायपुर, रायगढ़, महासमुंद और कोरबा समेत कई शहरों में छापेमारी शुरू की और 13 अक्टूबर को आईएएस अधिकारी विश्नोई, कारोबारी अग्रवाल और लक्ष्मीकांत तिवारी को गिरफ्तार कर लिया। सूत्रों के मुताबिक तीनों को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है। भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2009 बैच के अधिकारी विश्नोई छत्तीसगढ़ इंफोटेक प्रमोशन सोसाइटी के सीईओ के रूप में कार्यरत थे। वहीं तिवारी पेशे से अधिवक्ता हैं।
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ईडी के सूत्रों ने बताया कि एजेंसी की यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ में ट्रांसपोर्टरों से कुछ व्यवसासियों और लोगों द्वारा कथित अवैध कमीशन के धन शोधन से जुड़ी है। उन्होंने बताया कि जांच एजेंसी ने आईएएस अधिकारी और रायगढ़ की जिलाधिकारी रानू साहू के आवास और कार्यालय में भी छानबीन की थी। ईडी के सूत्रों ने बताया कि एजेंसी ने खनन विभाग के निदेशक आईएएस अधिकारी जेपी मौर्य के परिसरों परभीछापा मारा था। मौर्य, रानू साहू के पति हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने 14 अक्टूबर को दावा किया था कि छत्तीसगढ़ में कोयला ढुलाई में “बड़े पैमाने पर घोटाला” हो रहा है, जिसके तहत नेताओं, अधिकारियों और अन्य लोगों का एक समूह कथित तौर पर “अवैध कर वसूली की समानांतर प्रणाली” चला कर प्रतिदिन लगभग 2-3 करोड़ रुपये अर्जित कर रहा है।
इससे पहले सितंबर में आयकर विभाग ने राज्य में इस्पात और कोयला व्यवसाय से जुड़े व्यवसायियों के परिसरों पर छापा मारा था। वहीं, इस साल जून-जुलाई में आयकर विभाग ने कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ में कोयला व्यापारी सूर्यकांत तिवारी के परिसरों और मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) में तैनात एक अधिकारी के घर समेत कई जगहों की तलाशी ली थी।
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