मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार का विद्यार्थी हित में बड़ा निर्णय
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में शालाओं को खोलने के संबंध में 31 जुलाई को समीक्षा कर निर्णय लिया जाएगा। 12वीं कक्षा के ऐसे विद्यार्थी जो किसी कारणवश 12वीं की परीक्षा नहीं दे पाए हैं उनके लिए एक बार फिर परीक्षा आयोजित होगी।
भोपाल। कोरोना संकट के मद्देनजर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा महाविद्यालयीन विद्यार्थियों के हित में बड़ा निर्णय लिया है। अब स्नातक प्रथम एवं द्वितीय वर्ष तथा स्नातकोत्तर द्वितीय सेमेस्टर के परीक्षार्थियों को बिना परीक्षा दिए उनके गत वर्ष/सेमेस्टर के अंकों/आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अगली कक्षा/सेमेस्टर में प्रवेश दिया जाएगा। साथ ही स्नातक अंतिम वर्ष एवं स्नातकोत्तर चतुर्थ सेमेस्टर के परीक्षार्थियों के पूर्व वर्षों/ सेमेस्टर्स में से सर्वाधिक अंक प्राप्त परीक्षा परिणाम को प्राप्तांक मानकर अंतिम वर्ष/सेमेस्टर के परीक्षा परिणाम घोषित किये जाएंगे। ऐसे परीक्षार्थी जो परीक्षा देकर और सुधार चाहते हैं, उनके पास परीक्षा देने का विकल्प भी रहेगा। वे आगामी घोषित तिथि पर ऑफलाइन परीक्षा दे सकेंगे।
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मुख्यमंत्री मंत्रालय में कोरोना के परिप्रेक्ष्य में विश्वविद्यालयीन परीक्षाओं के संचालन तथा शालाओं को प्रांरभ करने के संबंध में बैठक ले रहे थे। बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा अनुपम राजन, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती रश्मि अरूण शमी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में शालाओं को खोलने के संबंध में 31 जुलाई को समीक्षा कर निर्णय लिया जाएगा। 12वीं कक्षा के ऐसे विद्यार्थी जो किसी कारणवश 12वीं की परीक्षा नहीं दे पाए हैं उनके लिए एक बार फिर परीक्षा आयोजित होगी। प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा ने बताया कि अगले हफ्ते से बच्चों को किताबों का वितरण कराने की व्यवस्था की जा रही है।
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प्रदेश में वर्तमान शैक्षणिक सत्र में स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर पर कुल 17 लाख 77 हजार परीक्षार्थी हैं। इनमें स्नातक प्रथम वर्ष में 5 लाख 25 हजार 200, स्नातक द्वितीय वर्ष में 5 लाख 7 हजार 269, स्नातक तृतीय वर्ष में 4 लाख 30 हजार 298, स्नातकोत्तर द्वितीय सेमेस्टर में एक लाख 72 हजार 634, स्नातकोत्तर चतुर्थ सेमेस्टर में एक लाख 41 हजार 599 परीक्षार्थी हैं। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में परीक्षार्थियों की कुल संख्या 3 लाख 47 हजार 554, जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर में 2 लाख 63 हजार 5, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में एक लाख 83 हजार 37, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर में 2 लाख 25 हजार 197, महाराजा छत्रसाल विश्वविद्यालय छतरपुर में 01 लाख 52 हजार 230, देवी अहिल्या बाई विश्वविद्यालय में 3 लाख 55 हजार 379, अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा में एक लाख 97 हजार 901 तथा छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय में 54 हजार 697 विद्यार्थी हैं। इस दौरान प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा ने बताया कि प्रदेश में 10वीं एवं 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं सम्पन्न हो चुकी है, 10वीं के परिणाम जुलाई के प्रथम सप्ताह में तथा 12वीं के परिणाम जुलाई के तृतीय सप्ताह में संभावित है। प्रदेश में लॉकडाउन की अवधि में रेडियो, टी.वी. एवं मोबाइल के माध्यम से शैक्षणिक गतिविधियां संचालित की जा रही है।
चित्र सौजन्य- राहुल साहू कार्टूनिस्ट,भोपाल
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