भारतीय मजदूर संघ की राहत पैकेज की मांग, घर से काम को लेकर आगाह किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में भारतीय मजदूर संघ ने कहा कि अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों को साझा समर्थन दिया जान चाहिए। इस रणनीति में प्रमुख क्षेत्रों को वित्तीय प्रोत्साहन शामिल है, जिससे नकारात्मक प्रभाव को कुछ हद तक कम किया जा सके।
नयी दिल्ली। भाजपा से संबद्ध भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर सभी क्षेत्रों के लिए राहत पैकेज की वकालत की है ताकि सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को रफ्तार दी जा सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में भारतीय मजदूर संघ ने कहा कि इस समय वेतन सब्सिडी, कर अवकाश, जीएसटी के बकाये का तत्काल भुगतान, ऋण की किस्त के भुगतान पर रोक की अवधि बढ़ाने, कुछ अवधि के लिए नियामकीय नियमों में ढील और कर को तर्कसंगत बनाने जैसे उपाय किए जाने चाहिए। पत्र में कहा गया है, ‘‘अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों को साझा समर्थन दिया जान चाहिए। इस रणनीति में प्रमुख क्षेत्रों को वित्तीय प्रोत्साहन शामिल है, जिससे नकारात्मक प्रभाव को कुछ हद तक कम किया जा सके।’’
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बीएमएस ने सरकार को श्रम कानूनों के क्रियान्वयन में घर से काम (वर्क फ्रॉम होम) के दुष्प्रभावों से भी आगाह किया है। लॉकडाउन के दौरान बड़ी संख्या में कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को घर से काम करने को कहा है। यूनियन ने कहा कि इस तरह के रुख से दीर्घावधि में कार्यस्थल की परिबदल जाएगी। हालांकि, इससे कर्मचारियों को जरूर कुछ राहत मिलेगी, लेकिन इससे रोजगार परिदृश्य और आर्थिक गतिविधियों के अलावा श्रम कानून के क्रियान्वयन मेंचुनौतियां पैदा होंगी।
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