तलाक पर भागवत का बयान संस्कारी नहीं, अहंकारी है: कांग्रेस
भागवत ने रविवार को कहा कि इन दिनों तलाक के अधिक मामले शिक्षित और संपन्न परिवारों में सामने आ रहे हैं क्योंकि शिक्षा और संपन्नता अंहकार पैदा कर रही है जिसका नतीजा परिवार का टूटना है। उन्होंने अहमदाबाद में एक कार्यक्रम में यह भी कहा कि भारत में हिंदू समाज का कोई विकल्प नहीं है।
नयी दिल्ली। कांग्रेस ने शिक्षित एवं संपन्न परिवारों में तलाक के मामले अधिक होने से जुड़े राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के एक बयान की आलोचना करते हुए सोमवार को कहा कि यह बयान संस्कारी नहीं, बल्कि अहंकारी है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ यह बयान बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। इसकी जितनी निंदा की जाए वह कम है। क्या संघ परिवार और भाजपा यह चाहते हैं कि इस देश के सभी लोग गरीब और अनपढ़ बन जाएं? इस प्रकार की दकियानुसी मानसिकता न समाज के लिए और न ही सरकार के लिए सही है। उन्होंने दावा किया, ‘‘मुझे लगता है कि यह बयान संस्कारी नहीं, अहंकारी नहीं है।’’
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— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) February 17, 2020
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हमारा बयान: pic.twitter.com/Nqt9HCk0aw
दरअसल, भागवत ने रविवार को कहा कि इन दिनों तलाक के अधिक मामले शिक्षित और संपन्न परिवारों में सामने आ रहे हैं क्योंकि शिक्षा और संपन्नता अंहकार पैदा कर रही है जिसका नतीजा परिवार का टूटना है। उन्होंने अहमदाबाद में एक कार्यक्रम में यह भी कहा कि भारत में हिंदू समाज का कोई विकल्प नहीं है। आरएसएस द्वारा जारी बयान के अनुसार भागवत ने कहा, ‘‘मौजूदा समय में तलाक के मामले बहुत बढ़ गए हैं। लोग निरर्थक मुद्दों पर लड़ रहे हैं। तलाक के मामले शिक्षित और संपन्न परिवारों में अधिक हैं क्योंकि शिक्षा और संपन्नता से अहंकार आता है जिसका नतीजा परिवारों का टूटना है। इससे समाज भी खंडित होता है क्योंकि समाज भी एक परिवार है।’’
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