Banke Bihari Mandir Corridor case: वृंदावन जाने के कितने रास्तें, इलाहाबाद HC ने कहा- रिपोर्ट दाखिल करें

Banke Bihari Mandir
ANI
अभिनय आकाश । Sep 5 2024 4:07PM

मंदिर सेवायत के वकील ने यह भी दावा किया है कि प्रशासन भीड़ प्रबंधन के आदेशों का ठीक से पालन नहीं कर रहा है और इससे मंदिर में काफी उत्पात हो रहा है. मंदिर सेवा के वकील की बात सुनने के बाद कोर्ट ने कहा है कि सरकार को अपनी प्रस्तावित योजना पर आगे बढ़ना चाहिए लेकिन यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि दर्शनार्थियों को दर्शन में कोई बाधा न आए। कोर्ट ने यह भी कहा कि मंदिर परिसर के बाहर भीड़ प्रबंधन किया जाना चाहिए ताकि भक्त बिना किसी परेशानी के आसानी से मंदिर के दर्शन कर सकें।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय अदालत ने मथुरा के वृन्दावन में बांके बिहारी मंदिर की ओर जाने वाले मार्गों की विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी है। मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की पीठ ने पिछले साल अगस्त में मंदिर में भगदड़ के बाद मथुरा के अनंत शर्मा और एक अन्य व्यक्ति द्वारा दायर जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया। याचिका की पोषणीयता पर कोर्ट में बहस होनी है। इसके बाद कोर्ट को प्रस्तावित कॉरिडोर का स्वरूप तय कर काम शुरू करना है। अब तक इस मामले की 74 तारीखों पर सुनवाई हो चुकी है।

इसे भी पढ़ें: डीके शिवकुमार के खिलाफ 'आय से अधिक संपत्ति' केस पहुंचा SC, हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती

मंदिर सेवायत के वकील ने यह भी दावा किया है कि प्रशासन भीड़ प्रबंधन के आदेशों का ठीक से पालन नहीं कर रहा है और इससे मंदिर में काफी उत्पात हो रहा है. मंदिर सेवा के वकील की बात सुनने के बाद कोर्ट ने कहा है कि सरकार को अपनी प्रस्तावित योजना पर आगे बढ़ना चाहिए लेकिन यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि दर्शनार्थियों को दर्शन में कोई बाधा न आए। कोर्ट ने यह भी कहा कि मंदिर परिसर के बाहर भीड़ प्रबंधन किया जाना चाहिए ताकि भक्त बिना किसी परेशानी के आसानी से मंदिर के दर्शन कर सकें। 

इसे भी पढ़ें: Delhi Liquor Policy case में आया Trump का नाम, सुप्रीम कोर्ट में केजरीवाल के वकील ने ये क्या बोल दिया?

गलियारे के विकास में मंदिर में आने वाले बड़ी संख्या में भक्तों को बेहतर ढंग से समायोजित करने के लिए बुनियादी ढांचे में सुधार शामिल होगा। इस दायरे में पहुंच बढ़ाना, सुविधाओं में सुधार करना और भीड़ के प्रवाह को प्रबंधित करना शामिल हो सकता है। अदालत ने विकास प्रक्रिया में कानूनी और नियामक मानकों के पालन की आवश्यकता पर जोर दिया। इसमें संभवतः यह सुनिश्चित करना शामिल है कि परियोजना पर्यावरण नियमों, ऐतिहासिक संरक्षण मानदंडों और स्थानीय भवन कोड का अनुपालन करती है।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़