बाबा सिद्दीकी की मौत अस्पताल में भर्ती होने से पहले ही हो गयी थी: चिकित्सक
चिकित्सकों ने बताया कि उन्होंने उनकी जान बचाने के लिए करीब दो घंटे तक कोशिश की। उन्होंने कहा कि राकांपा नेता को पहले इमरजेंसी वार्ड ले जाया गया और बाद में आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया। उन्होंने बताया कि दिल में कोई गतिविधि नहीं हो रही थी।
मुंबई के लीलावती अस्पताल के एक चिकित्सक ने कहा है कि महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की मौत संभवतः अस्पताल में भर्ती कराए जाने से पहले ही हो गयी थी। सिद्दीकी को गोली लगने के बाद मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
उन्होंने बताया कि सिद्दीकी को शनिवार रात गोली लगने के बाद जब लीलावती अस्पताल लाया गया, तब वह बेहोश थे। उन्होंने बताया कि चिकित्सकों ने उन्हें बचाने की करीब दो घंटे तक कोशिश की, लेकिन नाकाम रहे।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता बाबा सिद्दीकी (66) को शनिवार रात मुंबई के बांद्रा इलाके के खेर नगर में उनके विधायक बेटे जीशान सिद्दीकी के कार्यालय के बाहर तीन लोगों ने गोली मार दी। उन्हें लीलावती अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
शनिवार रात को घटना के बाद पत्रकारों से बात करते हुए अस्पताल के चिकित्सकों ने कहा, “उनकी छाती में सामने की तरफ दो गोलियां लगी थीं। बहुत खून बह चुका था और जब उनके परिवार के सदस्य उन्हें अस्पताल लेकर आए तो वह बेहोश थे।”
यह पूछे जाने पर कि क्या बाबा सिद्दीकी की मृत्यु अस्पताल लाये जाने से पहले ही हो गई थी, चिकित्सकों में से एक ने कहा, “यह संभव है। जब उन्हें लाया गया तो उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई। वह बेहोश थे। हमने उन्हें बचाने की कोशिश की, लेकिन शनिवार रात 11.27 बजे सिद्दीकी को मृत घोषित कर दिया गया।”
चिकित्सकों ने बताया कि उन्होंने उनकी जान बचाने के लिए करीब दो घंटे तक कोशिश की। उन्होंने कहा कि राकांपा नेता को पहले इमरजेंसी वार्ड ले जाया गया और बाद में आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया। उन्होंने बताया कि दिल में कोई गतिविधि नहीं हो रही थी।
राकांपा नेता को अन्य चोटें भी लगी होने के बारे में चिकित्सकों ने कहा कि पोस्टमार्टम से घावों की सही संख्या और प्रकृति का पता चलेगा। उन्होंने कहा, “हमारे पास यह जांचने का समय नहीं था कि गोली लगने से कितने घाव हुए हैं। पोस्टमॉर्टम से आगे की जानकारी मिलेगी।
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