Baba Siddique Murder Case| एकनाथ शिंदे ने सार्वजनिक सुरक्षा के लिए महाराष्ट्र सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई
एकनाथ शिंदे ने राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर कहा है कि सरकार सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार हर हाल में ये सुनिश्चित करेगी कि ऐसे अपराधों के लिए जिम्मेदार आरोपियों को जवाबदेह ठहराया जाएगा और उन्हें दंडित किया जाए।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद राज्य की कानून व्यवस्था पर बड़ा बयान दिया है। एकनाथ शिंदे ने राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर कहा है कि सरकार सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार हर हाल में ये सुनिश्चित करेगी कि ऐसे अपराधों के लिए जिम्मेदार आरोपियों को जवाबदेह ठहराया जाएगा और उन्हें दंडित किया जाए।
शिंदे ने पुष्टि की कि मुंबई पुलिस ने मामले के सिलसिले में दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के नागरिकों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। एएनआई से बात करते हुए शिंदे ने रविवार को कहा, "कल बाबा सिद्दीकी की हत्या की घटना दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है। मुंबई पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है, एक यूपी से और दूसरा हरियाणा से है। तीसरा आरोपी फरार है। उसे जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। चाहे वे बिश्नोई गिरोह हों या कोई अंडरवर्ल्ड गिरोह, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिन लोगों को धमकियां मिल रही हैं, उनकी सुरक्षा राज्य सरकार की जिम्मेदारी है और वह अपनी जिम्मेदारी पूरी करेगी।"
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी का अंतिम संस्कार रविवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ मुंबई के बड़ा कब्रिस्तान में किया गया। शनिवार को मुंबई में उनकी हत्या कर दी गई थी। बाबा सिद्दीकी के अंतिम संस्कार के दौरान प्रफुल्ल पटेल, छगन भुजबल और अजित पवार समेत एनसीपी नेता बड़ा कब्रिस्तान में मौजूद थे।
एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री सिद्दीकी की निर्मल नगर स्थित उनके कार्यालय के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई। उन्हें सीने में दो गोलियां लगीं, जिसके बाद उन्हें आपातकालीन उपचार के लिए मुंबई के लीलावती अस्पताल ले जाया गया, जहां शनिवार रात को उनकी मौत हो गई। गोली लगने के बाद सिद्दीकी को शनिवार रात करीब 9.30 बजे अस्पताल में भर्ती कराया गया और काफी प्रयासों के बावजूद उनकी कुछ ही देर में मौत हो गई।
लीलावती अस्पताल के चिकित्सक डॉ. जलील पारकर ने बताया, "रात करीब 9.30 बजे बाबा सिद्दीकी को यहां लाया गया। जब वह आपातकालीन कक्ष में पहुंचे तो उनकी नाड़ी और रक्तचाप रिकॉर्ड नहीं हो पा रहा था और ईसीजी में भी फ्लैट लाइन दिख रही थी। हमने उन्हें आईसीयू में स्थानांतरित कर दिया।"
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