इलाहाबाद हाईकोर्ट से आजम खान को जमानत, पर अभी भी रहना होगा जेल में, जानें कारण
आजम खान को वक्फ बोर्ड की संपत्ति गलत तरीके से अपनी यूनिवर्सिटी को ट्रांसफर कराने के मामले में जमानत मिली है। यह फैसला जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की सिंगल बेंच ने सुनाया है। हालांकि जमानत मिलने के बावजूद आजम खान को अभी भी जेल में ही रहना होगा।
इलाहाबाद हाईकोर्ट से समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को बड़ी राहत मिली है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आजम खान को लंबे समय के बाद जमानत दे दी है। कोर्ट की ओर से उनकी जमानत याचिका को मंजूर कर लिया गया है। आजम खान पिछले 2 साल से सीतापुर जेल में बंद हैं। आजम खान को वक्फ बोर्ड की संपत्ति गलत तरीके से अपनी यूनिवर्सिटी को ट्रांसफर कराने के मामले में जमानत मिली है। यह फैसला जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की सिंगल बेंच ने सुनाया है। हालांकि जमानत मिलने के बावजूद आजम खान को अभी भी जेल में ही रहना होगा।
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दरअसल, आजम खान के खिलाफ 3 दिन पहले ही एक नया केस दर्ज कराया गया है। फर्जी डॉक्यूमेंट के सहारे 3 स्कूलों की मान्यता कराने के मामले में आजम खान के खिलाफ रामपुर में केस दर्ज किया गया है। इस मामले में वारंट को सीतापुर जेल में शामिल कराया जा चुका है। आजम खान के खिलाफ भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने यह शिकायत दर्ज करवाई थी। अभी तक इस मामले में सुनवाई नहीं हुई है और आजम खान के जेल से बाहर आने का इंतजार और भी लंबा होता जा रहा है। आजम खान के खिलाफ अब तक 88 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। इन 88 मुकदमों में से 87 में आजम खान को जमानत मिल गई है। हालांकि अभी भी एक मामला लंबित है।
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आजम खान को फरवरी 2020 में गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद से वह लगातार सीतापुर जेल में बंद हैं। आजम खान ने 2019 में रामपुर से लोकसभा का चुनाव जीता था। हालांकि 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में उन्होंने जेल से ही रामपुर से ताल ठोका और जीत हासिल की। आजम खान को लेकर उत्तरप्रदेश की राजनीति भी तेज है। जानकारी के मुताबिक आजम खान समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव से नाराज चल रहे हैं। हाल के दिनों में आजम खान से शिवपाल यादव के साथ-साथ कांग्रेस के कई नेताओं ने मुलाकात की थी। जिसके बाद आजम खान को लेकर सियासी अटकलें तेज हो गई हैं।
Allahabad High Court has granted interim bail to Samajwadi Party leader Azam Khan for two months. The court has said that it was wrong to capture 'enemy property'. The land has been handed over to the paramilitary force.
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 10, 2022
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