आयुष्मान भारत योजना एक जुमला, दिल्ली पर जबरन थोपा जा रहा है: आप
हर्षवर्धन ने तब कहा था कि दिल्ली के मुख्यमंत्री की कठोर प्रतिक्रिया से पता चलता है कि वह शहर के लोगों के कल्याण में बहुत कम दिलचस्पी रखते हैं।
नयी दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) ने रविवार को भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की प्रमुख आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना को ‘जुमला’ करार दिया और आरोप लगाया कि यह योजना दिल्ली के लोगों पर जबरन थोपी जा रही है। यह प्रतिक्रिया ऐसे समय में आयी है जब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने शनिवार को अरविंद केजरीवाल के उस दावे को खारिज कर दिया कि आप सरकार की स्वास्थ्य योजना, आयुष्मान भारत योजना की तुलना में दस गुना बड़ी और व्यापक है। हर्षवर्धन ने तब कहा था कि दिल्ली के मुख्यमंत्री की कठोर प्रतिक्रिया से पता चलता है कि वह शहर के लोगों के कल्याण में बहुत कम दिलचस्पी रखते हैं।
.@drharshvardhan जी
— Saurabh Bharadwaj (@Saurabh_MLAgk) June 10, 2019
जब हरियाणा और यूपी में आपकी भाजपा सरकार आयुशमान योजना चला रही है यो दिल्ली सरकार के अस्पतालों में उन बेचारों को क्यों आना पड़ता है ?
दिल्ली सरकार के अस्पतालों में आधे से ज़्यादा मरीज़ यूपी, हरियाणा से आते है
आयुशमान भारत से उनका में इलाज क्यों नहीं होता ? pic.twitter.com/VCJdV5JpWs
आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने एक वीडियो संदेश में कहा कि अगर हर्षवर्धन को राष्ट्रीय राजधानी के लोगों की इतनी ही चिंता है, तो केंद्र को दिल्ली सरकार को मोहल्ला क्लीनिकों के लिए जमीन आवंटित करनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘डीडीए ने एक भी मोहल्ला क्लीनिक के लिए जमीन आवंटित नहीं की है। अगर हर्षवर्धन दिल्ली के लोगों की भलाई के बारे में चिंतित हैं, तो उन्हें मोहल्ला क्लीनिक के निर्माण के लिए जमीन आवंटित करनी चाहिए।’’
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प्रवक्ता ने कहा, ‘‘केंद्र दिल्ली पर आयुष्मान भारत योजना थोपना चाहता है। यह एक ऐसी विचित्र योजना है जो केवल आपके (लोगों के) उपचार के लिए तभी भुगतान करती है जब आप उनके कुछ निर्धारित मानदंडों को पूरा करते हैं जैसे कि आपकी आय 10,000 रुपये से कम है, अगर आपके घर में गैस कनेक्शन नहीं है, इत्यादि। वहीं दूसरी ओर, दिल्ली सरकार के अस्पतालों में सभी को मुफ्त इलाज मिलता है।’’ भारद्वाज ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार के दावे के मुताबिक अगर हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में यह योजना इतनी ही सफल है, तो दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में आधे मरीज इन दो राज्यों के क्यों हैं। इसका मतलब है कि यह योजना महज एक ‘जुमला’ है और इसे दिल्ली पर जबरदस्ती थोपा जा रहा है।’
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