जल्द समाप्त होगी 500 साल की प्रतीक्षा, तय समय सीमा से पहले बनकर तैयार होने वाला है भव्य राम मंदिर

Ayodhya Ram Temple
Prabhasakshi

अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की नई तस्वीरें सामने आई हैं। पहले फ्लोर के निर्माण कार्य की है। मंदिर के बाहर 8 एकड़ में परकोटा बनाया जा रहा है। जिसका आयताकार 800 गुने 800 मीटर का बताया जा रहा है। गर्भगृह के बाहर मंडप की नक्काशी की जा रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर का निर्माण तेज गति से किया जा रहा है। श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार अगले साल यानी जनवरी 2024 में मंदिर के गर्भ गृह में भगवान राम की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। अगले साल श्रद्धालुओं को विश्व के सबसे दिव्य और भव्य राम मंदिर में रामलला के दर्शन हो सकेंगे। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर अपनी तय समय सीमा से पहले बनकर तैयार होगा। हम आपको बता दें कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट क्षेत्र द्वारा रविवार को मीडिया को आमंत्रित किया गया ताकि अभी तक के निर्माण कार्य की प्रगति से सबको अवगत कराया जा सके।

भगवान के ललाट पर पड़ेंगी सूर्य की किरणें

इस दौरान, अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की नई तस्वीरें सामने आई हैं। पहले फ्लोर के निर्माण कार्य तेज प्रगति पर है। मंदिर के बाहर 8 एकड़ में परकोटा बनाया जा रहा है। जिसका आयताकार 800 गुने 800 मीटर का बताया जा रहा है। गर्भगृह के बाहर मंडप की नक्काशी की जा रही है। राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने बताया, साल 2024 में मकर संक्रांति के बाद शुभ मुहूर्त पर प्राण प्रतिष्ठा करने के बाद भक्त भगवान का दर्शन कर सकेंगे। पहली चैत्र राम नवमी पर सूर्य की किरण भगवान के ललाट पर पड़ेगी। इसकी व्यवस्था की जा रही है। राम लला के सामने 300 से 400 लोग आकर एक साथ दर्शन कर सकते हैं। ये मंदिर पूरी तरह से खास है। 500 सालों की प्रतीक्षा के बाद मंदिर का निर्माण हो रहा है।' उन्होंने बताया, 'गाउंड फ्लोर में फर्श, लाइट और बारीकियों का काम होना बाकी है। ज्यादातर काम पूरा कर लिया गया है। भगवान की मूर्ति का काम तय समय से पूरा कर लिया जाएगा।

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राम मंदिर के आकर्षण का प्रमुख केंद्र होगा मंडप

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने बताया, 'ग्राउंड फ्लोर में पांच मंडप है। मंडप राम मंदिर के आकर्षण का प्रमुख केंद्र होगा। मुख्य मंडप से हमेशा भगवान की पताका फहराएगी। ग्राउंड फ्लोर का ढांचा बनकर तैयार हो चुका है। मंदिर के गर्भगृह की दीवार और छत बन चुकी है। फर्श और बाहर का काम बाकी है। मंदिर के ग्राउंड फ्लोर में 166 खंभों पर मूर्तियों को उकेरने का काम चल रहा है। इसके साथ ही मंदिर के गर्भ गृह में लगे 6 खंभे श्वेत संगमरमर के हैं। जबकि बाहरी खंभे पिंक सैंडस्टोन से बनाए गए हैं।

राममंदिर के ग्राउंड फ्लोर का कार्य दिसंबर में तैयार हो जाएगा

ट्रस्ट के सदस्य ने बताया कि राममंदिर के ग्राउंड फ्लोर का काम पूरी तरह दिसंबर में तैयार हो जाएगा। इस दौरान फर्स्ट फ्लोर का ढांचा भी बहुत कुछ बनकर तैयार हो जाएगा। दिसंबर 2024 तक राम मंदिर का ढांचा पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा। शेष नक्काशी का काम साल 2025 में पूरा कर लिया जाएगा। साल 2024 में चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पहली चैत्र रामनवमी के दिन भगवान का जन्म उत्सव मनाया जाएगा। राम मंदिर में विराजमान रामलला के ऊपर भगवान राम के जन्म के समय ठीक 12:00 बजे रामनवमी के दिन सूर्य की किरण कुछ देर के लिए रामलला की मूर्ति पर पड़ेगी। इससे जन्म के समय रामलला का दर्शन बहुत ही दिव्य और भव्य होगा। भगवान श्री राम ने सूर्य वंश में जन्म लिया है। उनके जन्म के बाद सूर्य इस धरा धाम पर श्री राम लला का स्वागत करेंगे। खगोल शास्त्र के लोग इसको लेकर काम कर रहे हैं। भगवान श्री राम के जन्म के समय बहुत तेज धूप होती है। इसके साथ ठंडक भी होती है। मंद, शीतल हवाएं सरयू के जल को स्पर्श करते हुए भगवान के पास पहुंचती है।

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