दीपोत्सव पर छह लाख दियो से जगमगाया अयोध्या, बना विश्व रिकॉर्ड
इस कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदीबेन, केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रह्लाद पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित रहे। दीपोत्सव के अवसर पर चार लाख से अधिक दिये अकेले राम की पैड़ी के घाटों पर जलाए गए।
अयोध्या/लखनऊ। राम जन्म भूमि और बाबरी मस्जिद विवाद पर उच्चतम न्यायालय के फैसले से पहले शनिवार को राम नगरी अयोध्या में सरयू नदी के किनारे दीपोत्सव मनाया गया। इस मौके पर एक साथ करीब छह लाख दिये जलाने का विश्व कीर्तिमान ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स’ में दर्ज हुआ।
'Deepotsav' celebrations in Ayodhya has made it to the Guinness World records for 'the largest display of oil lamps'. It has been achieved by Department of Tourism, Government of Uttar Pradesh and Dr. Ram Manohar Lohiya Awadh University. #Diwali pic.twitter.com/sjYGZWz5Wt
— ANI UP (@ANINewsUP) October 26, 2019
इस कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदीबेन, केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रह्लाद पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित रहे। दीपोत्सव के अवसर पर चार लाख से अधिक दिये अकेले राम की पैड़ी के घाटों पर जलाए गए। वहीं दो लाख दिए रामनगरी के 11 अन्य चुनिंदा स्थलों पर प्रज्ज्वलित किए गए। अयोध्या विवाद पर सर्वोच्च न्यायालय का फैसला किसी भी दिन आ सकता है क्योंकि अदालत में रोजाना चली सुनवाई पूरी हो चुकी है और फैसला सुरक्षित है। अयोध्या में शनिवार रात लाखों लोग इस भव्य कार्यक्रम में शामिल हुये। अपर मुख्य सचिव सूचना और गृह अवनीश अवस्थी ने बताया, इस बार अयोध्या दीपोत्सव में ‘गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड्स’ चार लाख चार हजार 26 दियों का है। इससे पहले निदेशक सूचना, शिशिर ने बताया था कि इस बार चार लाख दस हजार दिये अकेले राम की पैड़ी के घाटों पर जलाये गये। यह घोषणा गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स प्रतिनिधि द्वारा की गयी, जो कि नया कीर्तिमान है। इसके अलावा दो लाख से अधिक दिये राम की नगरी अयोध्या में 11 अन्य स्थानों पर प्रज्ज्वलित किये गये। दीपोत्सव कार्यक्रम में शनिवार को अयोध्या में कुल छह लाख से अधिक दिये प्रज्ज्वलित किये गये।
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गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने प्रमाण पत्र में कहा कि उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग और डॉ. राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय ने एक साथ इतनी संख्या में दिये जलाकर विश्व कीर्तिमान स्थापित किया है। उन्होंने बताया कि पिछले साल तीन लाख एक हजार 186 दिये घाट पर जलाये गये थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि “भगवान राम की मर्यादा हमें विजयश्री की ओर आगे बढ़ाती है। हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है, एक सकारत्मकता का संचार सबके मन मष्तिस्क में करती है, और भगवान राम की इस मर्यादा का उल्लंघन हम कभी नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘ भगवान राम के आदर्शों से प्रेरित होकर ही हम अपनी संपूर्ण ऊर्जा का इस्तेमाल यहां अयोध्या को अवधपुरी का सम्मान दिलाने और उत्तर प्रदेश और देश के विकास में अपना योगदान देने में करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले की सरकारें अयोध्या के नाम से डरती थीं, यहां आना नहीं चाहती थीं। लेकिन ढाई वर्ष के अपने कार्यकाल में मैं डेढ़ दर्जन बार अयोध्या आ चुका हूं। जब भी आता हूं आप सभी की कृपा से सैकड़ों करोड़ रुपये की योजना यहां के लिए लेकर आता हूं।
दियों को जलाने से पहले मुख्यमंत्री रामकथा पार्क में आयोजित भागवान श्रीराम के प्रतीकात्मक राजतिलक कार्यक्रम में शामिल हुए और 226 करोड़ रुपये की कई परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हमारी सात पवित्र नगरियों में तीन पवित्र नगरी अयोध्या, काशी और मथुरा हमारे उत्तर प्रदेश में हैं। देश और दुनिया में इतना समृद्ध एवं सांस्कृतिक परिवेश किसी के पास नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘राम की परंपरा पर हम सबको गौरव की अनुभूति होती है। अयोध्या का नाम आते ही रामराज्य हमारे मन मस्तिष्क में खुद-ब-खुद आ जाता है। रामराज्य शासन की एक ऐसी व्यवस्था है, जिसमें जाति, मत, मजहब, संप्रदाय, क्षेत्र और भाषा के आधार पर किसी के साथ भेदभाव ना हो। विगत पांच वर्षों में शासन की योजनाओं को जिस प्रतिबद्धता के साथ देश के अंदर लागू किया गया है, यह आधुनिक रामराज्य का उदाहरण है।’’ योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘ दुनिया के हर सनातन धर्मावलम्बी के लिए अयोध्या की पहचान उसी रूप में है, जैसे अन्य मतावलम्बियों के लिए अपने-अपने पवित्र स्थलों की पहचान है। दीपोत्सव का कार्यक्रम अपने पवित्र स्थल और उनकी मर्यादा की रक्षा के लिए किए जा रहे प्रयासों का हिस्सा है। हजार वर्षों की अपनी विरासत के साथ आपको जोड़ते हुए और पर्यावरण की रक्षा करते हुए हम अपने आयोजन को सामूहिक रूप से आगे बढ़ा सकते हैं।’’
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मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘पहले रामजी की पैड़ी में पानी सड़ जाता था। आज हरिजी की पैड़ी की तरह ही रामजी की पैड़ी में भी स्नान किया जा सकता है। बैकुंठ से भी अच्छी पुरी के रूप में जिस अवधपुरी की कल्पना भगवान श्रीराम ने अयोध्या के लिए की थी। आज उस रूप में अयोध्या को प्रस्तुत करने का प्रयास हो रहा है।’’ योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘ अयोध्या में विकास की योजनाओं को एक नई कृति के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है। आपने देखा होगा बीच के कालखंड में माता सरयू भी अयोध्या से दूरी बनाए रखी हुई थीं, लेकिन इस बार यहां के लोगों को सरयू मइया का आशीर्वाद प्राप्त होने लगा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आज हर भारतवासी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के यशस्वी नेतृत्व पर अभिभूत है जिन्होंने भारत की सांस्कृतिक परम्परा को विश्व पटल पर फिर से पूरी मजबूती के साथ स्थापित करने में सफलता प्राप्त की है। वसुधैव कुटुम्बकम के भाव को हमने अंगीकार किया है। पूरी दुनिया को एक कुटुम्ब के रूप में माना है।’’ योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘ हमने कभी किसी को परेशान नहीं किया, लेकिन किसी ने हमारे शस्त्र या स्वाभिमान को ललकारने का प्रयास किया, तो उसके मांद में घुसकर मुंह तोड़ जवाब देने का कार्य आज भारत का नेतृत्व कर रहा है। इससे ज्यादा गर्व की बात क्या हो सकती है आज भारत दुनिया की एक महाशक्ति और फिर से विश्वगुरु के रूप में स्थापित हो रहा है।’’
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