अयोध्या विवाद: सुप्रीम कोर्ट में बहस जारी, CJI बोले- अब बहुत हो गया
उच्चतम न्यायालय में मंगलवार को राजनीतिक रूप से संवेदनशील राम जन्मभूमि- बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले की सुनवाई के 39वें दिन हिंदू और मस्लिम पक्षकारों के वकीलों के बीच तीखी बहस हुई।
देश के सबसे पुराने विवादों में से एक अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद कि आज आखरी दलील शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि आज इस मामले में आज आखिरी दिन की सुनवाई होगी। मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में रोजाना सुनवाई का बुधवार को शाम पांच बजे समापन हो जाएगा। अयोध्या मामले में सुनवाई के 40वें दिन प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि अब बहुत हो गया, इस मामले में सुनवाई आज ही पूरी होगी।
Chief Justice of India (CJI) Ranjan Gogoi while dismissing intervention application of one of the parties Hindu Maha Sabha in #Ayodhya land case: This matter is going to be over by 5 pm today. Enough is enough. https://t.co/wOxgLGEoWB
— ANI (@ANI) October 16, 2019
इस पीठ में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर भी शामिल हैं। पीठ ने मामले की, 40वें दिन सुनवाई शुरू होने पर कहा, ‘‘इस मामले की सुनवाई आज शाम पांच बजे पूरी हो जाएगी। अब बहुत हो चुका।’’न्यायालय ने पहले कहा था कि सुनवाई 17 अक्टूबर को पूरी हो जाएगी। अब इस समय सीमा को एक दिन पहले कर दिया गया है। प्रधान न्यायाधीश का कार्यकाल 17 नवंबर को समाप्त हो रहा है। पीठ ने सुनवाई में हस्तक्षेप की एक पक्षकार की याचिका को भी खारिज कर दिया और कहा कि सुनवाई के इस चरण पर अब किसी हस्तक्षेप की अनुमति नहीं दी जाएगी। हिंदू पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता सी एस वैद्यनाथन ने 1961 में सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा दायर मुकदमे के जवाब में अपना अभ्यावेदन आरंभ किया।उल्लेखनीय है कि संविधान पीठ अयोध्या में 2.77 एकड़ विवादित भूमि को तीन पक्षकारों-सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला- के बीच बराबर बराबर बांटने का आदेश देने संबंधी इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सितंबर, 2010 के फैसले के खिलाफ दायर 14 अपीलों पर सुनवाई कर रही है।
आज की सुनवाई में हिंदू और मुस्लिम पक्षकार अपनी अपनी तरफ से अपनी बात रखेंगे। आज की सुनवाई के बाद अयोध्या मामले का फैसला भी जल्द आ सकता है। कहा जा रहा है कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के रिटायर होने से पहले यह फैसला आ जाएगा।
आज होने वाले सुनवाई में हिंदू पक्षकार अपनी दलीलें पहले रखेंगे। इसके बाद मुस्लिम पक्ष के वकील अपना जवाब देंगे। हिंदू पक्ष के सभी पक्षकारों को 45 मिनट का समय मिला है जबकि मुस्लिम पक्ष के राजीव धवन को 1 घंटे का समय मिलेगा। आपको बता दें कि पिछले 40 दिनों से रोजाना सुनवाई हो रही है। इस मामले में कुछ दिन पहले ही चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कहा था कि इस मामले को जल्द से जल्द निपटाया जाना चाहिए और उन्होंने एक डेटलाइन भी तय की थी। जिसके मुताबिक 17 अक्टूबर तक सुनवाई पूरी की जानी थी।
इससे पहले उच्चतम न्यायालय में मंगलवार को राजनीतिक रूप से संवेदनशील राम जन्मभूमि- बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले की सुनवाई के 39वें दिन हिंदू और मस्लिम पक्षकारों के वकीलों के बीच तीखी बहस हुई। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ पूर्व महान्यायवादी और वरिष्ठ अधिवक्ता के परासरण की दलीलें सुन रही थी। वह 1961 में सुन्नी वक्फ बोर्ड और अन्य द्वारा दायर मुकदमे का जवाब दे रहे थे, ताकि अयोध्या में विवादित स्थल पर दावा किया जा सके। परासरण ने अपनी दलील में कहा कि मुगल सम्राट बाबर ने 433 साल से अधिक समय पहले भारत पर विजय के बाद भगवान राम की जन्मभूमि पर एक मस्जिद का निर्माण कर एक “ऐतिहासिक गलती” की थी, जिसे अब ठीक करने की जरूरत है। इस पर मुस्लिम पक्षकारों का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन उठे और हस्तक्षेप किया।
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