अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म जयंती, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने 'सदैव अटल' पर दी श्रद्धांजलि

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अंकित सिंह । Dec 25 2021 8:57AM

राजनाथ सिंह ने लिखा कि मैं अटलजी को उनकी जयंती पर नमन करता हूं। वे एक महान राष्ट्रवादी थे जिन्होंने एक प्रख्यात वक्ता, अद्भुत कवि, सक्षम प्रशासक और एक उल्लेखनीय सुधारवादी के रूप में अपनी पहचान बनाई। भारत के सार्वजनिक जीवन में अटल जी के जबर्दस्त योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।

पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की आज 97वीं जयंती है। इस अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह समेत कई दिग्गजों ने सदैव अटल पहुंचकर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इस अवसर पर कई और केंद्रीय मंत्री उपस्थित रहें और अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी। आपको बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को हुआ था। वह देश के तीन बार प्रधानमंत्री रहे हैं और भाजपा के सबसे वरिष्ठ कम नेताओं में से एक थे।

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर लिखा कि आदरणीय अटल जी को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन। अटल जी को उनकी जयंती पर नमन। हम राष्ट्र के लिए उनकी समृद्ध सेवा से प्रेरित हैं। उन्होंने भारत को मजबूत और विकसित बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उनकी विकास पहल ने लाखों भारतीयों को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया। राजनाथ सिंह ने लिखा कि मैं अटलजी को उनकी जयंती पर नमन करता हूं। वे एक महान राष्ट्रवादी थे जिन्होंने एक प्रख्यात वक्ता, अद्भुत कवि, सक्षम प्रशासक और एक उल्लेखनीय सुधारवादी के रूप में अपनी पहचान बनाई। भारत के सार्वजनिक जीवन में अटल जी के जबर्दस्त योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।

एक राजनीतिक परिचय

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक से लेकर प्रधानमंत्री तक का सफर तय करने वाले अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म ग्वालियर में बड़े दिन के अवसर पर 25 दिसम्बर 1924 को हुआ। अटल बिहारी वाजपेयी पत्रकारिता करने के बाद राजनीति में आए। 1951 में भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में वह थे। पहली बार 1957 में उत्तर प्रदेश के बलरामपुर सीट से जीतकर संसद पहुंचे थे। 1962 से 68 तक वह उत्तर प्रदेश से ही राज्यसभा के सदस्य रहे। 1967 में एक बार फिर से वह बलरामपुर से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे। ग्वालियर से उन्होंने 1971 में जीत हासिल की थी। नई दिल्ली सीट से वह 1977 में चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे। 1977 में ही वह देश के विदेश मंत्री बने तभी उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में हिंदी में अपना संबोधन दिया था। 1980 में वह एक बार फिर से पांचवी बार लोकसभा पहुंचे थे। 1980 में ही भाजपा की स्थापना हुई थी और वह उसके संस्थापक सदस्यों के साथ-साथ पहले अध्यक्ष भी थे। 

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1986 में वह मध्य प्रदेश से राज्यसभा पहुंचे। 1991 में उन्होंने लखनऊ से जीत हासिल की थी और छठी बार लोकसभा पहुंचे। 1993 से 96 तक वह लोकसभा में विपक्ष के नेता रहे। 1996 में लखनऊ से जीतकर संसद पहुंचे और 13 दिनों के लिए भाजपा सरकार का नेतृत्व किया और प्रधानमंत्री बने। 1996 से 97 तक के एक बार फिर से वह लोकसभा में विपक्ष के नेता रहे। 1998 में उन्होंने लखनऊ से एक बार फिर से चुनाव जीता और प्रधानमंत्री बने। 1999 में भी हुए चुनाव में उन्होंने लखनऊ से जीत हासिल की और तीसरी बार प्रधानमंत्री बने। 2004 में भाजपा को हार मिली हालांकि अटल बिहारी वाजपेयी लखनऊ सीट से जीतने में कामयाब हुए। लेकिन स्वास्थ्य समस्याओं की वजह से उन्होंने धीरे-धीरे राजनीति से दूरी बना ली। कई गंभीर बीमारियों से जूझने वाले अटल बिहारी वाजपेयी का निधन 16 अगस्त 2018 को दिल्ली के एम्स में हुआ।

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