1990 में असम को अशांत क्षेत्र किया गया था घोषित, अब तक राज्य सरकार ने 62 बार बढ़ाया है अफस्पा
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि 1990 में असम को अशांत क्षेत्र घोषित किया गया था। तब से अफस्पा लगातार लागू था। 1990 से अब तक असम की सरकार 62 बार अफस्पा बढ़ा चुकी है। आज प्रधानमंत्री मोदी ने अफस्पा को उस क्षेत्र से वापस लेने का साहसिक निर्णय लिया है जहां इसकी आवश्यकता नहीं है।
गुवाहाटी। केंद्र सरकार ने गुरुवार को दशकों बाद असम, नागालैंड और मणिपुर में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (अफस्पा) के तहत आने वाले अशांत क्षेत्रों को घटाने का निर्णय किया है। जिसका असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि 1990 से अब तक असम की सरकार 62 बार अफस्पा बढ़ा चुकी है।
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समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि 1990 में असम को अशांत क्षेत्र घोषित किया गया था। तब से अफस्पा लगातार लागू था। 1990 से अब तक असम की सरकार 62 बार अफस्पा बढ़ा चुकी है। आज प्रधानमंत्री मोदी ने अफस्पा को उस क्षेत्र से वापस लेने का साहसिक निर्णय लिया है जहां इसकी आवश्यकता नहीं है।
Assam was declared a disturbed area in 1990. Since then AFSPA was in force continuously. So far 62 times govt of Assam has extended AFSPA since 1990. Today, PM Modi has taken a bold decision to withdraw AFSPA from the area wherever it is not required: Assam CM Himanta Biswa Sarma pic.twitter.com/dO2eW12UBx
— ANI (@ANI) March 31, 2022
उन्होंने कहा कि साल 2014 के बाद पहले मिजोरम से अफस्पा वापस लिया गया, फिर मेघालय से भी इसे वापस ले लिया गया। पिछले साल इसे अरुणाचल प्रदेश से 2 मतदान केंद्रों को छोड़कर वापस लिया गया था। आज असम, नागालैंड और मणिपुर में अफस्पा वापस लेने का समय आ गया है।
केंद्र सरकार का ऐतिहासिक फैसला
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को ऐलान किया कि दशकों बाद नागालैंड, असम और मणिपुर में अफस्पा के तहत आने वाले अशांत क्षेत्रों को घटाया जा रहा है। गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि इस फैसले का मतलब यह नहीं है कि उग्रवाद प्रभावित इन राज्यों से अफस्पा को पूरी तरह से हटाया जा रहा है, बल्कि यह कानून तीन राज्यों के कुछ इलाकों में लागू रहेगा।
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अमित शाह ने एक ट्वीट में लिखा कि एक अहम कदम में प्रधानमंत्री मोदी के निर्णायक नेतृत्व में भारत सरकार ने नागालैंड, असम और मणिपुर में दशकों बाद सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून के तहत आने वाले अशांत इलाकों को घटाने का फैसला किया है।
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