असम सरकार ने ओरंग राष्ट्रीय उद्यान में 22,000 बीघा जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया: Himanta

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ANI

हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने ओरंग राष्ट्रीय उद्यान में 22,000 बीघा जमीन से अतिक्रमण हटा दिया है। उन्होंने कहा हम वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में सफलता की एक नयी कहानी लिख रहे हैं। हमेशा की तरह संदिग्धों के विरोध के बावजूद, हमने ओरंग राष्ट्रीय उद्यान में 22,000 बीघा जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया।

गुवाहाटी । असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने ओरंग राष्ट्रीय उद्यान में 22,000 बीघा जमीन से अतिक्रमण हटा दिया है। शर्मा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘असम में, हम वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में सफलता की एक नयी कहानी लिख रहे हैं। हमेशा की तरह संदिग्धों के विरोध के बावजूद, हमने ओरंग राष्ट्रीय उद्यान में 22,000 बीघा जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया।’’ उन्होंने लिखा कि ओरंग राष्ट्रीय उद्यान का क्षेत्रफल अब कई गुना बढ़ गया है और यह काजीरंगा और बुरहा-चापोरी वन्यजीव अभयारण्य से सीधे जुड़ गया है, जिससे जानवरों के पनपने के लिए 180 किलोमीटर लंबा एक निर्बाध संरक्षित क्षेत्र बन गया है। 

शर्मा ने कहा, ‘‘यह विशाल क्षेत्र अब वनस्पतियों और जीवों के विविध रूपों को संजोये रखेगा और असम को जैव विविधता के प्रमुख केंद्र के रूप में मजबूत करेगा।’’ ओरंग राष्ट्रीय उद्यान राज्य के दरांग और सोनितपुर जिलों में ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तरी तट पर स्थित है। एक सींग वाले गैंडे और रॉयल बंगाल टाइगर सहित विभिन्न जानवरों के लिए प्रसिद्ध यह उद्यान 79.28 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। ओरंग को 1985 में एक अभयारण्य के रूप में स्थापित किया गया था और 13 अप्रैल, 1999 को इसे राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया। काजीरंगा और ओरंग दोनों में दलदल, नदियां और घास के मैदान एक जैसे हैं और यहां एक जैसे वन्यजीव रहते हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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