असम गण परिषद ने एनआरसी की अंतिम सूची पर जताया असंतोष
अगप का गठन ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) ने किया जिसने 1979 में लगातार छह साल तक राज्य से विदेशियों को निकालने के लिए आंदोलन किया।
गुवाहाटी। असम में सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल असम गण परिषद (अगप) ने एनआरसी की अंतिम सूची पर असंतोष जताते हुए शनिवार को कहा कि उच्चतम न्यायालय में इसकी समीक्षा की गुंजाइश है, जो पूरी प्रक्रिया की निगरानी कर रहा है। अगप के अध्यक्ष और राज्य सरकार में कृषि मंत्री अतुल बोरा ने कहा कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) से बाहर किए गए नाम ‘हास्यास्पद तरीके से बहुत कम’ है।
Over 19 lakh people left out from final list of NRC Assam
— ANI Digital (@ani_digital) August 31, 2019
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बोरा ने कहा, ‘‘ हम (अगप) इससे (बाहर रह गए नामों से) बिल्कुल खुश नहीं हैं। 19,06,657 लोगों को अंतिम राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) से बाहर करने का आंकड़ा बहुत कम है और इसे हम ऐसे स्वीकार नहीं कर सकते।... उच्चतम न्यायालय में इसकी समीक्षा की गुंजाइश है।’’ अगप अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ असम के लोगों को स्वतंत्र और पारदर्शी एनआरसी की उम्मीद थीलेकिन लगता है कि असमी लोगों के अस्तित्व पर संकट और गहरा गया है।’’
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उन्होंने कहा,‘‘ कई केंद्रीय और राज्य नेताओं ने कई बार संसद और विभिन्न विधान सभाओं में असम में बड़ी संख्या में विदेशियों के होने की बात कही है। उस पृष्ठभूमि में अंतिम एनआरसी के आंकड़ों को स्वीकार करना मुश्किल है।’’ बोरा ने कहा, हम इस प्रक्रिया से शुरू से जुड़े हुए हैं। असम समझौता पर हस्ताक्षर 855 लोगों की शहादत के बाद संभव हुआ। गौरतलब है कि अगप का गठन ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) ने किया जिसने 1979 में लगातार छह साल तक राज्य से विदेशियों को निकालने के लिए आंदोलन किया।
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