Assam Floods | असम की मदद के लिए केंद्र सरकार ने बढ़ाया हाथ, 324 करोड़ रुपये की अग्रिम राशि जारी की
असम मानसून आने के पहले हुई भारी बारिश का प्रकोप झेल रहा है। राज्य के 29 जिलों में बाढ़ से हालात काफी खराब है। धीरे-धीरे स्थिति को सुधारने की कोशिशे जारी हैं लेकिन बाढ़ से 5.61 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं। इस दौरान बाढ़ से अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी हैं जिसमें बच्चे भी शामिल हैं।
असम मानसून आने के पहले हुई भारी बारिश का प्रकोप झेल रहा है। राज्य के 29 जिलों में बाढ़ से हालात काफी खराब है। धीरे-धीरे स्थिति को सुधारने की कोशिशे जारी हैं लेकिन बाढ़ से 5.61 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं। इस दौरान बाढ़ से अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी हैं जिसमें बच्चे भी शामिल हैं। बृहस्पतिवार को बाढ़ के कारण एक बच्चे सहित दो और लोगों की मौत हो गई। सहायता के लिए केंद्र ने राज्य को एसडीआरएफ से 324 करोड़ रुपये की अग्रिम राशि जारी की है।
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असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने ट्वीट किया, "असम को मौजूदा बाढ़ की स्थिति से निपटने में मदद करने के लिए एसडीआरएफ से 324 करोड़ रुपये की अग्रिम राशि जारी करने के लिए अदारनिया प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और अदारनिया गृह मंत्री श्री अमित शाह जी का आभारी हूं। धन सुनिश्चित करेगा। प्रभावित नागरिकों को समय पर राहत और पुनर्वास।
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गृह मंत्रालय (एमएचए) की एक अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम (आईएमसीटी) बाढ़ और भूस्खलन के कारण नुकसान के आकलन के लिए 26 मई से 29 मई तक असम के अपने निर्धारित क्षेत्र के दौरे के तहत गुवाहाटी पहुंची। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) ने कहा कि आईएमसीटी टीम ने राजस्व और आपदा प्रबंधन और असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के अधिकारियों के साथ 26 मई से 29 मई, 2022 तक नुकसान के आकलन के लिए असम के अपने निर्धारित क्षेत्र के दौरे के तहत बातचीत की।
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की दैनिक रिपोर्ट के अनुसार, कामरुप और नौगांव के राहा में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। इस साल राज्य में बाढ़ और भूस्खलनों से मरने वालों की संख्या बढ़कर 30 हो गई है। प्राधिकरण ने बताया कि कछार, दिमा हसाओ, हैलीकांडी, होजाई, कार्बी आंगलोंग, वेस्ट मोरीगांव और नौगांव जिलों में बाढ़ से 5,61,100 से ज्यादा लोग प्रभावित हैं। बाढ़ से सबसे ज्यादा नौगांव प्रभावित है जहां 3.68 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ की चपेट में आए हैं। वही कछार जिले में करीब 1.5 लाख और मोरीगांव में 41,000 से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हैं।
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