हिमंत बिस्व सरमा का प्रियंका पर तंज, बोले- फर्श पर झाड़ू लगाना रोजमर्रा का काम है
असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में हिरासत के दौरान प्रियंका गांधी वाद्रा द्वारा ऐसा किया जाना ‘मंच प्रबंधन’ था वरना वीडियो शूट करने के लिए वहां फोटोग्राफर कैसे मौजूद हो सकता है।
नयी दिल्ली। उत्तर प्रदेश में हाल ही में हिरासत के दौरान फर्श पर झाड़ू लगाने के लिये उन पर कटाक्ष करते हुये असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने शनिवार को कहा कि यह कोई खबर कैसे है, क्योंकि कमरे की सफाई करना तो किसी के भी दैनिक काम काज का हिस्सा है। इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2021 में हिस्सा लेते हुए सरमा ने कहा कि भारत बदल चुका है और लोग नेताओं के इस तरह के ‘मंच प्रबंधन’ पर कोई ध्यान नहीं देंगे। सरमा ने पूछा, ‘‘ मुझे नहीं पता कि एक महिला का झाड़ू लगाना खबर कैसे है? यह भारत के परिवारों में आम घरेलू कार्य है। मैंने अपनी मां को झाड़ू लगाते देखा है। क्या आपने अपनी मां को झाड़ू लगाते नहीं देखा है?’’
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असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में हिरासत के दौरान प्रियंका गांधी वाद्रा द्वारा ऐसा किया जाना ‘मंच प्रबंधन’ था वरना वीडियो शूट करने के लिए वहां फोटोग्राफर कैसे मौजूद हो सकता है। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में रविवार को वाहनों के काफिले द्वारा कुचले जाने से मारे गए किसानों के परिवारों से मुलाकात के लिये जाने के दौरान प्रियंका गांधी को सीतापुर में सोमवार को हिरासत में ले लिया गया था। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा वाहनों के इस काफिले में कथित तौर पर मौजूद थे और पुलिस ने उनके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है।
सीतापुर में एक अतिथिगृह में हिरासत के दौरान प्रियंका एक वीडियो में फर्श पर झाड़ू लगाती दिखी थीं। सरकारी जमीन से अतिक्रमणकारियों को बेदखल करने के असम सरकार के कदम के संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि जमीन खाली कराने की प्रक्रिया चाहे वह मूल लोगों के खिलाफ हो या प्रवासी मुसलमानों के खिलाफ हो, यह राज्य सरकार की भूमि नीति के अनुसार जारी रहेगी। उन्होंने कहा, ‘‘ हम 1,000 परिवारों को 77,000 एकड़ जमीन हड़पने की अनुमति नहीं दे सकते। खाली कराने की प्रक्रिया जारी है।’’
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असम के दरांग जिले में जमीन खाली कराने के अभियान के दौरान दो लोगों की मौत और इनमें से एक शव के साथ किए गए बर्ताव की लोगों, राजनीतिक दलों और सामाजिक समूहों ने निंदा की थी। सरमा ने कहा कि असम में कई लोग स्वतंत्रता पूर्व से यह मानते रहे हैं कि प्रवासी मुसलमान जमीन अतिक्रमण, मूल लोगों की संस्कृति और पहचान खत्म होने के पीछे की मुख्य वजह हैं। उन्होंने कहा कि प्रवासी मुसलमानों को मूल लोगों के इस तरह के विश्वासों को खत्म करना चाहिए। प्रवासी मुसलामनों के वोट नहीं चाहने के संबंध में की गई विवादास्पद टिप्पणी के बारे में पूछने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वह जानते हैं कि यह समुदाय भाजपा को वोट नहीं देता है और और ऐसे में वह उन्हें लुभाने पर समय खर्च नहीं करना चाहते। उन्होंने कहा कि मैंने एक समझौता किया। वे हमारे लिए मतदान नहीं करेंगे इसलिए मैं उनके इलाकों में प्रचार करने नहीं जाऊंगा। लेकिन उनके इलाकों में विकास के सभी कार्य करूंगा।
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