मराठा आरक्षण पर कोर्ट का फैसला चौंकाने वाला लेकिन अंतिम नहीं: अशोक चव्हाण
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क । Sep 9 2020 9:29PM
कांग्रेस नेता ने हालांकि कहा कि तीन न्यायाधीशों की न्यायालय की पीठ ने एक बृहद संविधान पीठ को भेज दिया है और अभी कोई अंतिम फैसला नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि इसलिए यह दावा करना सही नहीं है कि आरक्षण पर रोक लगा दी गई है।
मुंबई। महाराष्ट्र के मंत्री अशोक चव्हाण ने बुधवार को कहा कि मराठा समुदाय को आरक्षण देने के 2018 के राज्य कानून के अमल पर रोक लगाने का उच्चतम न्यायालय का आदेश अप्रत्याशित और चौंकाने वाला है। कांग्रेस नेता ने हालांकि कहा कि तीन न्यायाधीशों की न्यायालय की पीठ ने एक बृहद संविधान पीठ को भेज दिया है और अभी कोई अंतिम फैसला नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि इसलिए यह दावा करना सही नहीं है कि आरक्षण पर रोक लगा दी गई है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सोमवार को प्रधान न्यायाधीश से संपर्क करेगी और रोक हटाने का अनुरोध करेगी। चव्हाण राज्य में लोक निर्माण मंत्री हैं और वह मराठा आरक्षण संबंधी एक कैबिनेट उप-समिति के प्रमुख भी हैं। उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘ मामले को बृहद संविधान पीठ को सौंपते हुए न्यायालय ने जो अंतरिम आदेश दिया है वह अप्रत्याशित, चौंकाने वाला और आश्चर्यजनक है।काही राजकीय नेत्यांना या विषयाचे केवळ राजकारणच करायचे आहे. पण माझ्यासाठी हा राजकारणाचा विषय नाही. त्यामुळे राजकीय टिकेला मी उत्तर देणार नाही. ही मंडळी मराठा आरक्षणाबाबत गंभीर असती तर त्यांनी आतापर्यंत केंद्र सरकारला याबाबत सकारात्मक भूमिका घ्यायला भाग पाडले असते. #मराठाआरक्षण
— Ashok Chavan (@AshokChavanINC) September 9, 2020
डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
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