अनुच्छेद 370 ने जम्मू-कश्मीर के निवासियों को मौलिक अधिकारों से वंचित किया: राम माधव
इसके साथ ही माधव ने कहा कि विवादास्पद प्रावधान को मोदी सरकार द्वारा लोकतांत्रिक तरीके से हटा दिया गया। उन्होंने कहा कि 1950 के दशक में जब यह मुद्दा चर्चा में आया तो कांग्रेस की पूरी कार्यसमिति ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने के प्रस्ताव पर विरोध जताया था।
औरंगाबाद। भाजपा महासचिव राम माधव ने सोमवार को कहा कि संविधान का अनुच्छेद 370 जब प्रभावी था, उसने जम्मू कश्मीर के निवासियों को उनके मौलिक अधिकारों से वंचित किया। इसके साथ ही माधव ने कहा कि विवादास्पद प्रावधान को मोदी सरकार द्वारा लोकतांत्रिक तरीके से हटा दिया गया। उन्होंने कहा कि 1950 के दशक में जब यह मुद्दा चर्चा में आया तो कांग्रेस की पूरी कार्यसमिति ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने के प्रस्ताव पर विरोध जताया था। उन्होंने कहा हालांकि, तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने इस प्रावधान पर जोर दिया और कार्यसमिति के सदस्यों को जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने पर सहमत होना पड़ा।
BJP national general secretary Ram Madhav said that only 200-250 people are under preventive detention in Jammu and Kashmir now
— ANI Digital (@ani_digital) October 1, 2019
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माधव ने यहां राष्ट्रीय एकता अभियान द्वारा आयोजित एक व्याख्यान में यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि विपक्षी नेता और अन्य लोग जो जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाने की आलोचना कर रहे हैं, उन्हें बताना चाहिए कि क्या इसके प्रावधान लोकतांत्रिक तरीके से लागू किए गए थे। माधव ने दावा किया कि अनुच्छेद 370 को हटाने के लिए साहस की आवश्यकता थी, जिसे कांग्रेस नहीं दिखा सकी।
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उन्होंने कहा, अनुच्छेद 370 हटाया जाना पांच दशकों से हमारे एजेंडे पर था, हम इस पर कायम रहे और हमने लोकतांत्रिक तरीके से ऐसा किया। माधव ने कहा, अगर यहां औरंगाबाद में अनुच्छेद 370 होता, तो यह कभी भी औद्योगिक शहर नहीं होता। जम्मू कश्मीर में 1950 के दशक से कोई बड़ा निवेश नहीं हुआ था और अनुच्छेद 370 इसमें बाधक था।
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