कला और कलाकार का सम्मान होना चाहिए लेकिन अपमानित करके नहीं: गहलोत

Art and artist should be respected but not by humiliation, Gehlot

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कला और कलाकार का सम्मान होना चाहिए। लेकिन उनको ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी जाति

जयपुर। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कला और कलाकार का सम्मान होना चाहिए। लेकिन उनको ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी जाति, धर्म या वर्ग अपमानित महसूस नहीं होना चाहिए। गहलोत ने आज अलवर के बहरोड़ में संवाददाताओं से कहा कि गुजरात चुनाव के दौरान जानबूझकर भाजपा सरकारों ने हवा देने के लिये एक एक करके भाजपा शासित राज्यों में फिल्म पर प्रतिबंध लगाया।

सभी राज्यों में फिल्म पर एक साथ प्रतिबंध नहीं लगाये गये। कभी राजस्थान सरकार लगा रही है, कभी मध्यप्रदेश, कभी गुजरात। ये जानबूझकर किया गया जिसके परिणाम में उच्चतम न्यायालय को सामने आना पड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि देश के अंदर अनावश्यक तनाव का माहौल बन गया और अनावश्यक रूप से ये हालात पैदा हो गये कि सरकार को फिर से उच्चतम न्यायालय जाना पड़ा। ये तमाम सोची समझी चालें हैं। इनको वोट लेने थे गुजरात के अंदर इनको बताना था कि कितने आपके खैरख्वाह हैं।

 

उन्होंने कहा कि केन्द्र और प्रदेश में भाजपा की सरकारें पद्मावत विवाद पर सूचना प्रसारण मंत्रालय, सेंसर बोड के अध्यक्ष, संजय लीला भंसाली और करणी सेना के नेताओं से बातचीत कर सुलझा सकती थी। गहलोत ने एक अन्य प्रश्न के जवाब में कहा कि गुजरात चुनाव हो या आगे चुनाव हो। ये जानबूझकर के जातियों को लड़ाने का काम करते हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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