सपा का पारिवारिक गढ़ मैनपुरी बन सकता है 'पारिवारिक जंग' का केंद्र, डिंपल को टक्कर देने उतर सकती हैं अपर्णा
जहां तक अपर्णा यादव की बात है तो वह मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी से उनके बेटे प्रतीक यादव की पत्नी हैं। वह 2017 का उत्तर प्रदेश विधनसभा चुनाव समाजवादी पार्टी के टिकट पर लड़ी थीं लेकिन भाजपा उम्मीदवार रीता बहुगुणा जोशी ने उन्हें हरा दिया था।
समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन से खाली हुई उनकी लोकसभा सीट मैनपुरी में उपचुनाव कराये जाने की घोषणा हो चुकी है। मुलायम परिवार का गढ़ माने जाने वाली इस सीट से समाजवादी पार्टी ने अपने अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी और पूर्व सांसद डिंपल यादव की उम्मीदवारी का ऐलान किया तो माना गया कि यह सीट आराम से सपा के खाते में चली जायेगी लेकिन अब यह पारिवारिक गढ़ पारिवारिक युद्ध का मैदान भी बनने जा रहा है क्योंकि ऐसी संभावना है कि भाजपा यहां से मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव को उम्मीदवार बना सकती है। इस बात की अटकलें तब तेज हो गयीं जब अपर्णा यादव ने भाजपा की उत्तर प्रदेश ईकाई के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी से लखनऊ में मुलाकात की।
हम आपको याद दिला दें कि अपर्णा यादव ने इस साल के शुरू में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ऐन पहले भाजपा का दामन थामा था। अपर्णा ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष से मुलाकात की तस्वीरें अपने टि्वटर हैंडल पर साझा की हैं जिसके बाद इस तरह की सुगबुगाहट शुरू हो गयी है कि क्या मुलायम परिवार की दो बहुएं मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में आमने-सामने होंगी। जहां तक डिंपल यादव की बात है तो आपको बता दें कि डिंपल 2009 में फिरोजाबाद से कांग्रेस उम्मीदवार राज बब्बर के खिलाफ लोकसभा उपचुनाव और 2019 में कन्नौज से भाजपा उम्मीदवार सुब्रत पाठक के खिलाफ लोकसभा चुनाव हार गई थीं। अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री बनने और उनके उत्तर प्रदेश विधान परिषद में प्रवेश करने के लिए सीट से इस्तीफा देने के बाद 2012 में वह कन्नौज निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के लिए निर्विरोध चुनी गई थीं उसके बाद उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में भी कन्नौज से जीत हासिल की थी।
जहां तक अपर्णा यादव की बात है तो वह मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी से उनके बेटे प्रतीक यादव की पत्नी हैं। वह 2017 का उत्तर प्रदेश विधनसभा चुनाव समाजवादी पार्टी के टिकट पर लड़ी थीं लेकिन भाजपा उम्मीदवार रीता बहुगुणा जोशी ने उन्हें हरा दिया था।
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वैसे आपको बता दें कि राजनीतिक गलियारों में इस सीट के लिए यादव परिवार की अगली पीढ़ी के तेज प्रताप यादव का नाम पार्टी के संभावित उम्मीदवार के रूप में चल रहा था लेकिन अंतिम फैसला डिंपल के नाम पर हुआ। मैनपुरी सीट से डिंपल की उम्मीदवारी को पार्टी संरक्षक व ससुर मुलायम सिंह यादव की विरासत को आगे बढ़ाने के सपा के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। साथ ही इसे सपा कार्यकर्ताओं को एकजुट करने की कोशिश भी मानी जा रही है। अखिलेश की करहल विधानसभा सीट मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है।
इस उपचुनाव में मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई शिवपाल यादव की भूमिका को लेकर राजनीतिक गलियारों में जोरदार बहस चल रही है। मार्च में उप्र विधानसभा चुनाव में शिवपाल ने सपा के निशान पर ही जसवंतनगर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जीत गये। लेकिन चुनाव के बाद उन्हें पार्टी की बैठक के लिए नहीं बुलाया गया। शिवपाल ने राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा की पसंद द्रौपदी मुर्मू का समर्थन किया था और कई मौकों पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीब भी उन्हें देखा गया। संभावना थी कि बीते तीन नवंबर को गोला गोकर्णनाथ उपचुनाव के लिए चाचा-भतीजे सपा प्रत्याशी के लिए प्रचार करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब देखना होगा कि मैनपुरी में वह किसका समर्थन करेंगे। फिलहाल पांच दिसंबर को होने वाले मतदान को लेकर भाजपा और सपा ने अपनी अपनी तैयारी शुरू कर दी है।
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