जारी है देश में भूख से मौत का सिलसिला, अब झारखंड में आदिवासी की मौत

Another man dies of hunger in Jharkhand
[email protected] । Jul 27 2018 1:58PM

झारखंड के रामगढ़ जिले में 40 वर्षीय आदिवासी व्यक्ति की पत्नी ने दावा किया कि भूख के चलते उसके पति की मौत हो गयी। महिला के अनुसार उसके पास राशन कार्ड नहीं था।

रामगढ़। झारखंड के रामगढ़ जिले में 40 वर्षीय आदिवासी व्यक्ति की पत्नी ने दावा किया कि भूख के चलते उसके पति की मौत हो गयी। महिला के अनुसार उसके पास राशन कार्ड नहीं था। आदिम बिरहोर आदिवासी से ताल्लुक रखने वाले राजेंद्र बिरहोर की कल मांडू खंड के नवाडीह गांव में मौत हो गयी। नवाडीह गांव यहां से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। बहरहाल, जिला अधिकारियों ने इस बात से इनकार किया है और कहा कि बिरहोर की मौत ‘बीमारी’ के चलते हुई।

बिरहोर की पत्नी शांति देवी (35) ने बताया कि उसके पति को पीलिया था और उसके परिवार के पास इतना पैसा नहीं था कि वे उसके लिये डॉक्टर द्वारा बताया गया खाद्य पदार्थ और दवाई खरीद सकें। शांति ने बताया कि उसके परिवार के पास राशन कार्ड नहीं था जिससे वे राज्य सरकार की सार्वजनिक वितरण योजना के तहत सब्सिडी वाले अनाज प्राप्त कर पाते।

छह बच्चों का पिता बिरहोर परिवार में एकमात्र कमाने वाले सदस्य था। उसे हाल में यहां के राजेन्द्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेंज में भर्ती कराया गया था लेकिन उपचार के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी थी। मांडू के खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) मनोज कुमार गुप्ता ने आदिवासी व्यक्ति की भूख से मौत की बात से इनकार किया है। उन्होंने कल बिरहोर के घर का दौरा किया और दावा किया कि बिरहोर की मौत बीमारी के चलते हुई।

बीडीओ ने स्वीकार किया कि परिवार के पास राशन कार्ड नहीं था। उन्होंने शांति देवी को अनाज और परिवार के लिये 10,000 रुपये दिये। उन्होंने कहा, ‘हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि उनके परिवार का नाम सरकार की ओर से दी जाने वाली सब्सिडी युक्त राशन पाने वालों की सूची में क्यों नहीं दर्ज था।’

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