केन नहर प्रणाली स्थित क्षतिग्रस्त पुल/पुलियों की मरम्मत हेतु 02 करोड़ 73 लाख 69 हजार रुपये की धनराशि स्वीकृत
इस संबंध में विशेष सिचव सिंचाई मुश्ताक अहमद की ओर से 06 अगस्त 2021 को आवश्यक शासनादेश जारी कर दिया गया है। शासनादेश में कहा गया है कि परियोजना पर सक्षम स्तर से तकनीकी स्वीकृति प्राप्त करने के पश्चात ही कार्य प्रारम्भ कराया जाय।
जनपद बांदा में केन नहर प्रणाली पर स्थित क्षतिग्रस्त पुल/पुलियों आदि की मरम्मत एवं पुननिर्माण हेतु 02 करोड़ 73 लाख 69 हजार रुपये की धनराशि स्वीकृत। सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा जनपद बांदा में केन नहर प्रणाली के अंतर्गत अतर्रा शाखा से निकलने वाले राजबाहों एवं अल्पिकाओं के क्षतिग्रस्त पुल/पुलिया, फाल, हेड रेग्युलेटर एवं आउटलेट की मरम्मत एवं पुननिर्माण की परियोजना हेतु 02 करोड़ 73 लाख 69 हजार रुपये परियोजना के कार्यों पर व्यय करने के लिए प्रमुख अभियन्ता एवं विभागाध्यक्ष सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के निवर्तन पर रखे जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है।
इस संबंध में विशेष सिचव सिंचाई मुश्ताक अहमद की ओर से 06 अगस्त 2021 को आवश्यक शासनादेश जारी कर दिया गया है। शासनादेश में कहा गया है कि परियोजना पर सक्षम स्तर से तकनीकी स्वीकृति प्राप्त करने के पश्चात ही कार्य प्रारम्भ कराया जाय। इसके अलावा निर्माण कार्य को गुणवत्ता के साथ निर्धारित समय में पूरा कराया जाय।
शासनादेश में यह भी निर्देश दिए गए हैं कि धनराशि को व्यय करते समय वित्तीय अनुशासन का अनिवार्य रूप से अनुपालन किया जाए। स्वीकृति धनराशि का व्यय स्वीकृत परियोजनाओं पर ही किया जाए। ऐसा न किये जाने पर किसी प्रकार की गड़बड़ी के लिए समस्त उत्तरदायित्व विभाग का होगा।
अर्जुन सहायक पुनरींिक्षत परियोजना के कार्यों हेतु 20 करोड़ 96 लाख 24 हजार रुपये की धनराशि स्वीकृत
सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 में अर्जुन सहायक पुनरीक्षित परियोजना हेतु 20 करोड़ 96 लाख 24 हजार रुपये परियोजना के कार्यों पर व्यय करने के लिए प्रमुख अभियन्ता एवं विभागाध्यक्ष सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के निवर्तन पर रखे जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है।
इस संबंध में विशेष सिचव सिंचाई मुश्ताक अहमद की ओर से 06 अगस्त 2021 को आवश्यक शासनादेश जारी कर दिया गया है। शासनादेश में कहा गया है कि परियोजना पर सक्षम स्तर से तकनीकी स्वीकृति प्राप्त करने के पश्चात ही कार्य प्रारम्भ कराया जाय। इसके अलावा निर्माण कार्य को गुणवत्ता के साथ निर्धारित समय में पूरा कराया जाय।
शासनादेश में यह भी निर्देश दिए गए हैं कि धनराशि को व्यय करते समय वित्तीय अनुशासन का अनिवार्य रूप से अनुपालन किया जाए। स्वीकृति धनराशि का व्यय स्वीकृत परियोजनाओं पर ही किया जाए। ऐसा न किये जाने पर किसी प्रकार की गड़बड़ी के लिए समस्त उत्तरदायित्व विभाग का होगा।
विकास प्राधिकरणों द्वारा प्राथमिकता से कराये जा रहे है कार्य
शासन की मन्शानुसार तथा प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन विभाग दीपक कुमार के मार्गदर्शन से विकास प्राधिकरणों द्वारा प्राथमिकता से विकास एवं निर्माण के कार्य कराये जा रहे है। इसी क्रम में हापुड़-पिलखुवा विकास प्राधिकरण द्वारा कराये जा रहे विकास एवं निर्माण कार्यों के अन्तर्गत आनन्द विहार आवासीय योजना, प्रीत विहार आवासीय योजना द्वितीय तथा विस्तार, ट्रान्सपोर्ट नगर योजना, टैक्सटाईल सेन्टर आदि योजनाएं क्रियान्वित की गयी है। इन योजनाओं के विकास कार्य सम्पादित किये जाने के उपरान्त इनका अनुरक्षण प्राधिकरण द्वारा किया जा रहा है, जिसमें टेक्सटाइल सेन्टर योजना में सी0ई0पी0टी0का संचालन प्रमुख है। योजनाओं में अधूरे कार्यों को पूर्ण कराया गया है।
प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के अन्तर्गत हापुड़-पिलखुवा विकास प्राधिकरण द्वारा अपने स्तर से दो योजनाएं-आनन्द विहार आवासीय योजना तथा हिण्डालपुर आवासीय योजना संचालित की गयी है। आनन्द विहार आवासीय योजना में चार मंजिले 408 ई0डब्लू0एस0 भवनों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। शासन द्वारा प्रथम व द्वितीय किश्त प्राप्त हो गयी है, जिसका उपयोग करते हुए प्राधिकरण द्वारा 80 प्रतिशत कार्य पूर्ण किया जा चुका है। सभी भवनों का आवंटन भी किया जा चुका है। राजस्व ग्राम हिण्डालपुर तहसील धौलाना, पिलखुवा में चार मंजिले 264 ई0डब्लू0एस0 भवनों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। वृक्षारोपण तथा पर्यावरण सुधार योजना के अन्तर्गत शासन द्वारा दिये गये लक्ष्यों के सापेक्ष प्राधिकरण द्वारा शतप्रतिशत उपलब्धि प्राप्त की गयी है। प्राधिकरण द्वारा अपनी आवासीय योजनाओं में चिन्हित ऐसी भूमि जिसका अर्जन नही हुआ है, के अर्जन हेतु लैण्ड पुलिंग पालिसी के अनुसार क्रय किये जाने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा लैण्ड बैंक बढ़ाने के लिए विकास क्षेत्र के अन्तर्गत वर्ष 2031 के लिए प्रस्तावित महायोजना के क्रम में लैण्ड पूलिंग पॉलिसी के अनुसार भूमि क्रय किये जाने का सर्वेक्षण का कार्य प्रगति पर है।
इसके अतिरिक्त हापुड़-पिलखुवा विकास प्राधिकरण द्वारा विकसित टैक्सटाईल सेन्टर योजना में उद्यमों के द्वारा छोड़े गये जल के शोधन हेतु स्थापित सी0ई0टी0पी0 का संचालन प्राधिकरण के द्वारा विगत कई वर्षों से अपने संशाधनों से कराया जा रहा था, जिसका अपग्रेडेशन न होने के कारण राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन नई दिल्ली के द्वारा सी0ई0टी0पी0 तथा योजना में स्थापित उद्यमों का संचालन बन्द करा दिया गया था। प्राधिकरण के द्वारा विशेष प्रयास कर सी0ई0टी0पी0 के संचालन उद्यमियों का एस0पी0वी0 गठित कराकर सी0ई0टी0पी0,एस0पी0वी0 को हैण्डओवर कर दिया गया है। साथ ही रष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के मानकों के अनुरूप अपग्रेडेशन भी कराया जा रहा है। प्राधिकरण द्वारा आनन्द विहार आवासीय योजना में फायर स्टेशन के लिए 7800 वर्गमीटर भूमि का कब्जा अग्नि शमन विभाग को दिया गया। प्राधिकरण के कार्य-कलापों में पारदर्शिता के दृष्टिगत सभी महत्वपूर्ण सूचनाओं को प्राधिकरण की वेबसाइट, टविटर एवं मीडिया के माध्यम से पब्लिक डोमेन में रखा गया।
कैम्पेन 03 विषयों एच.आई.वी., टी.बी. तथा रक्तदान जागरूकता पर केन्द्रत होगी
भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगाठ के अवसर पर केन्द्र सरकार के अधीन राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको) द्वारा न्यू इण्डिया/75 अभियान शुरू किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश राज्य एड्स नियन्त्रण सोसाइटी द्वारा प्रदेश के 25 चिन्हित जनपदों में न्यू इण्डिया/75 कैम्पेन चलाई जाएगी। सोसाइटी द्वारा इस सम्बन्ध में सभी 25 जनपदों के जिलाधिकारियों को पत्र भेजा गया है। कैम्पेन के प्रथम चरण की शुरूआत 12 अगस्त, 2021 को अर्न्राष्ट्रीय युवा दिवस के मौके पर की जाएगी, जिसकी अध्यक्षता अपर सचिव व महानिदेशक, नाको, भारत सरकार द्वारा की जानी है। कैम्पेन आयोजन के लिए प्रदेश के 25 जनपद आगरा, आजमगढ़, अम्बेडकरनगर, औरैया, आयोध्या, बलिया, बस्ती, देवरिया, एटा, गाजियाबाद, गाजीपुर, गोरखपुर, जौनपुर, झांसी, कानपुर नगर, कुशीनगर, मथुरा, मऊ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, प्रतापगढ़, रामपुर, सन्तकबीर नगर, सिद्धार्थनगर तथा वाराणसी हैं। इस संबंध में अपर परियोजना निदेशक, उ0प्र0 राज्य एड्स नियन्त्रण सोसाइटी डा0 हीरा लाल ने जानकारी देते हुए बताया कि इस कैम्पेन के तहत प्रत्येक जिले के 03 सरकारी स्कूलों और 03 महाविद्यालयों का चिन्हांकन मुख्य चिकित्साधिकारी/जिला क्षयरोग अधिकारी द्वारा किया जा रहा है। कैम्पेन 03 विषयों पर केन्द्रत होगी एच.आई.वी., टी.बी. तथा रक्तदान जागरूकता। कैम्पेन 03 चरणों में आयोजित होगी तथा तीनांे चरणों के अन्तर्गत तीनों विषयों-एच.आई.वी., टी.बी. तथा रक्तदान जागरूकता की गतिविधियॉ की जाएंगी। प्रत्येक चरण में हर एक चिन्हित जिले के एक स्कूल और एक डिग्री कालेज द्वारा जागरूकता गतिविधियॉ कराई जानी है। अपर परियोजना निदेशक ने बताया कि इस कैम्पेन के आयोजन हेतु आज दिनांक 09 अगस्त को सोसाइटी द्वारा सभी चिन्हित जनपदों के जिला क्षयरोग अधिकारी तथ टी.एस.यू. कार्यक्रम अधिकारियों के साथ समन्वय बैठक भी की गई, जिसमें सभी को कैम्पेन को सफल बनाने के लिए की जाने वाली कार्यवाही हेतु निर्देश दिये गये। उन्होंने बताया कि प्रदेश मंे एच.आई.वी., टी.बी. तथा रक्तदान जागरूकता हेतु गतिविधियों को समेकित रूप से कराये जाने तथा अधिक से अधिक जागरूकता फैलाने के लिए राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन द्वारा न्यू इण्डिया/75 एक नवाचार के रूप कराया जा रहा है। एक नये भारत की संकल्पना में हमारे युवा बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेंगे तभी स्वस्थ समाज और विकसित राष्ट्र की परिकल्पना सार्थक होगी। नाको, भारत सरकार द्वारा उक्त कैम्पेन को उत्तर प्रदेश में चलाने की जिम्मेदारी उ0प्र0 राज्य एड्स नियन्त्र सोसाइटी को दी गई है।
हेरिटेज गैलरी एवं कल्चरल क्लब की स्थापना हेतु स्वीकृत की गई धनराशि
कल्चरल क्लब योजना के अंतर्गत हेरिटेज गैलरी एवं कल्चरल क्लब की स्थापना हेतु लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ एवं संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी को रु0 20-20 लाख की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति शासन द्वारा प्रदान की गई है। स्वीकृत धनराशि हस्तपुस्तिका के प्रावधानों, समय-समय पर शासन द्वारा निर्गत शासनादेशों के अनुरूप आवश्यकतानुसार एवं नियमानुसार किया जाएगा।
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जनपद महाराजगंज के शिव मंदिर के सौन्दर्यीकरण हेतु अवमुक्त की गई धनराशि
रू. 59.14 की लागत से प्राचीन शिव मंदिर एवं तालाब के सौन्दर्यीकरण का कार्य कराया जा रहा है। उक्त कार्य हेतु शासन द्वारा स्वीकृत लागत के सापेक्ष दो किस्तों में रु. 43.30 लाख कार्यदायी संस्था ग्रामीण अभियंत्रण विभाग को पूर्व में अवमुक्त किए जा चुके हैं। शासन द्वारा शेष धनराशि रू. 15.84 लाख भी अवमुक्त कर दिए गए हैं, जिससे शिव मंदिर के सौन्दर्यीकरण का कार्य शीघ्र पूर्ण किया जाएगा।
वर्ष 2022 तक 28000 मेगावाट होगी पारेषण क्षमता-ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा
प्रदेश में उच्च गुणवत्तायुक्त, कटौती मुक्त विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये पारेषण क्षमता को बढ़ाने हेतु युद्ध स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं। विगत 04 वर्षों में पारेषण क्षमता को बढ़ाकर 25000 मेगावाट तक किया जा चुका है। वर्ष 2022 तक यह क्षमता 28000 मेगावाट तक पहॅुच जायेगी। प्रदेश के ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री श्रीकान्त शर्मा ने उ0प्र0 पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन की समीक्षा करते हुये बताया कि वर्ष 2017 से अब तक 12 हजार 182 करोड़ रूपये से 121 पारेषण उपकेन्द्रों का निर्माण हुआ। प्रदेश में स्थापित की जा रही तापीय परियोजनाओं से ऊर्जा निकासी हेतु आवश्यक पारेषण तन्त्र का निर्माण पब्लिक प्राईवेट पार्टनरशिप (पी0पी0पी0) के माध्यम से कराया जा रहा है, जिसके अन्तर्गत 400 केवी उपकेन्द्र फिरोजाबाद एवं बदॉंयू ऊर्जीकृत किये गये हैं। इसी पद्धति से 765 केवी उपकेन्द्र मेरठ, रामपुर एवं 400 केवी उपकेन्द्र सिम्भवली एवं सम्भल भी निर्माणाधीन है। इस परियोजनाओं में 2433.70 करोड़ रूपये निवेश किया गया हैं। इन परियोजनाओं को इसी वित्तीय वर्ष में ऊर्जीकृत कर दिया जाएगा।
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ऊर्जा मंत्री ने कहा कि सरकार प्रदेश की जनता को 24 घण्टे कटौती मुक्त विद्युत आपूर्ति करना चाहती है। लेकिन यह तभी सम्भव हो सकता है, जब हमारा पारेषण तन्त्र सभी क्षेत्रों को विद्युत ले जाने में सक्षम हो। सरकार बनने के बाद इस पर गंभीरता पूर्वक काम किया गया है, जिसके अन्तर्गत हापुड़ जनपद में पीपीपी माध्यम से 765 के0वी0 उपकेन्द्र का निर्माण कराया गया। इस पर एक हजार करोड़ रूपये की लागत आयी। इसी तरह 12 नग 400 के0वी0 उपकेन्द्रों का निर्माण मथुरा (माठ),बांदा, बिजनौर (नेहटौर-पीपीपी), आगरा (साउथ आगरा), गाजियाबाद (अटौर-पीपीपी), गाजियाबाद (इन्द्रापुरम-पीपीपी), गाजियाबाद (डासना-पीपीपी), प्रयागराज (मसौली), गौतमबुद्ध नगर (नोएडा सेक्टर-148), गौतमबुद्ध नगर (नोएडा सेक्टर-123), फिरोजाबाद (पीपीपी) एवं बदांयू (पीपीपी) में निर्मित कराये गये। इन पर 4484.41 हजार करोड़ रूपये की लागत आयी। उन्होंने कहा कि विद्युत पारेषण में 220 के0वी0 उपकेन्द्रों का अत्यधिक महत्व है। इसके लिये 34 उपकेन्द्रों के निर्माण पर लगभग 4015 करोड़ रूपये खर्च किया गया, जिसमें चन्दौसी (सम्भल), छाता (मथुरा), अमरोहा, अमरोहा, हापुड़, पीलीभीत, आजमगढ़-द्वितीय, सिद्धार्थनगर, लखनऊ (सीजी सिटी), फर्रूखाबाद (नीबकरोरी), सरसावां (सहारनपुर) लखनऊ (कानपुर रोड), बाराबंकी, कानपुर नगर (साढ़), राय बरेली (बछरावां), सिकन्दरा (कानपुर देहात), गालियाबाद (मण्डोला विहार), गालियाबाद (प्रताप बिहार), कानपुर (फूलबाग), गालियाबाद (मधुबन बापूधाम), मथुरा (वृन्दावन), कासगंज, मुजफ्फरनगर (बधाईकला), बागपत (निरपुरा), कुशीनन्द (हाटा), चित्रकूट (पहाड़ी), गोरखपुर (गोला), अमेठी, उन्नाव (दही चौकी), नोएडा (बॉटनिकल गार्डेन ), वाराणसी (राजा का तालाब), मेरठ (परतापुर) एवं फतेह (मलवां) जनपदों में उपकेन्द्र बनाये गये। इससे इन क्षेत्रों के लाखों उपभोक्ताओं को विद्युत आपूर्ति में सुधार हुआ और उन्हें पहले की तुलना में अब कटौती मुक्त निर्बाध विद्युत आपूर्ति प्राप्त हो रही है। इसी तरह इन वर्षों में महमूदाबाद, हमीरपुर, गढ़मुक्तेश्वर, सलोन, मवाना रोड हस्तिनापुर, दनकौर, बन्डा, गभाना, नवाबगंज, ग्वालियर रोड, बिचपुरी, प्रयागपुर, बिन्दवल जय राजपुर, जारी, लालपुर, जलालाबाद, भोपा, नवाबगंज (बरेली), भूड़- द्वितीय, बन्नत, अम्बाला रोड-द्वितीय, बरहन, भटहर, तालग्राम, मोरना, मुसाफिर खाना, पूर्णाछापर, सहसवान, रानीगंज, इटवा, पसही तथा कैसरगंज सहित 74 नग 132 केवी विद्युत उपकेन्द्रों का निर्माण किया गया। इस पर 2682.88 करोड़ रूपये का निवेश किया गया।
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