घटते रसूख़ के बीच अंसारी बंधुओ के घर की महिलाओं ने बाहर आकर संभाला मोर्चा

Afzal Ansari
ANI
अजय कुमार । May 31 2024 6:00PM

मुख्तार के गृह जिले और सर्वाधिक प्रभाव वाली इस सीट पर 40 साल के राजनीतिक इतिहास में ऐसा पहली बार है, जब उनके घर की महिलाएं परिवार के राजनीतिक वजूद या रसूख के लिए अपनी ड्योढी से बाहर निकली हैं और घर-घर जाकर वोट मांग रहीं।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की गाजीपुर लोकसभा सीट के चुनाव की रंगत इस बार काफी बदली बदली नजर आ रही है। बाहुबली मुख्तार अंसारी की मौत के बाद यहां का सियासी मिजाज काफी बदल गया है। अंसारी परिवार की धमक और खनक लगातार कम होती जा है। यही वजह है पहली बार अफजाल अंसारी के लिए उनके परिवार और बेटी को मतदाताओं के घर घर जाना पड़ रहा है। माफिया मुख्तार अंसारी परिवार के ढहते रसूख और लोगों के उस पर कथित विश्वास के बीच है यहाँ के लोग कहते हैं कि हम अपने विवेक से मतदान करेंगे। मुख्तार के जीवित रहते जो लोग दबाव में जी हुजूरी करते थे और अब उसकी मौत के बाद उनका जिस तरह व्यवहार बदला है इसका अहसास भी परिवार को है। इसीलिये अंसारी परिवार की महिलाएं मतदाताओं के बीच ही ज्यादा जा रही हैं। यहां सातवें चरण में चल पहली जून को मतदान होगा।

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मुख्तार के गृह जिले और सर्वाधिक प्रभाव वाली इस सीट पर 40 साल के राजनीतिक इतिहास में ऐसा पहली बार है, जब उनके घर की महिलाएं परिवार के राजनीतिक वजूद या रसूख के लिए अपनी ड्योढी से बाहर निकली हैं और घर-घर जाकर वोट मांग रहीं। भूमिहार, ठाकुर और ब्राह्मण परिवारों के बीच उनकी उपस्थिति नगण्य है। पिता के लिए प्रचार करने पहुंचीं नूरिया वहां मौजूद महिलाओं को भाजपा की बुराई बताती हैं। नरेन्द्र मोदी सरकार की गारंटी पर सवाल उठाती हैं। पूंजीवाद, सामंतवाद की बात करती हैं। वैसे नूरिया ने भी लोकसभा चुनाव के लिये निर्दलीय पर्चा भरा है।

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