पोस्टर विवाद के बीच पीएम मोदी बोले- मां काली का आशीर्वाद भारत के साथ, आध्यात्मिक ऊर्जा से देश बढ़ रहा आगे

Narendra modi
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अंकित सिंह । Jul 10 2022 12:05PM

इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि आज का ये आयोजन मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से भी कई भावनाओं और स्मृतियों से भरा हुआ है। स्वामी आत्मस्थानंद जी ने शतायु जीवन के काफी करीब ही अपना शरीर त्यागा था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज स्वामी आत्मस्थानंद के शताब्दी समारोह को संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काली पोस्टर विवाद का बिना जिक्र किए ही बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत पर मां काली का असीम आशीर्वाद है। जब आस्था पवित्र होती है तो शक्ति साक्षात हमारा पथ प्रदर्शन करती है। भारत इसी आध्यात्मिक ऊर्जा को लेकर विश्व कल्याण के लिए आगे बढ़ रहा है। माना जा रहा है कि हाल में ही जिस तरीके से डॉक्यूमेंट्री फिल्में काली के पोस्टर को लेकर विवाद हुआ था। उसी के संदर्भ में प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान सामने आया है। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि आज का ये आयोजन मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से भी कई भावनाओं और स्मृतियों से भरा हुआ है। स्वामी आत्मस्थानंद जी ने शतायु जीवन के काफी करीब ही अपना शरीर त्यागा था।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे सदैव उनका आशीर्वाद मिला है। ये मेरा सौभाग्य है कि आखरी पल तक मेरा उन से संपर्क रहा। उन्होंने कहा कि आखरी पल तक स्वामी जी का मुझ पर आशीर्वाद बना रहा और मैं ये अनुभव करता रहा कि स्वामी जी महाराज चेतन स्वरूप में आज भी हमें आशीर्वाद दे रहे हैं। मुझे खुशी है उनके जीनव और मिशन को जन-जन तक पहुंचाने के लिए आज दो स्मृति संस्करण, चित्र जीवनी और डॉक्युमेंट्री भी रिलीज हो रही है। मोदी ने कहा कि सन्यासी के लिए जीव सेवा में प्रभु सेवा को देखना, जीव में शिव को देखना, यही सर्वोपरि है। इस महान संत परंपरा को, सन्यस्थ परंपरा को स्वामी विवेकानंद जी ने आधुनिक रूप में ढाला। स्वामी जी ने भी सन्यास के इस स्वरूप को जीवन में जिया, और चरितार्थ किया।

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अपने संबोधन में मोदी ने यह भी कहा कि सैकड़ों साल पहले आदि शंकराचार्य हों या आधुनिक काल में स्वामी विवेकानंद, हमारी संत परंपरा हमेशा ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का उद्घोष करती रही है। रामकृष्ण मिशन की तो स्थापना ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के विचार से जुड़ी हुई है। आप देश के किसी भी हिस्से में जाइए, आपको ऐसा शायद ही कोई क्षेत्र मिलेगा जहां विवेकानंद जी गए न हों, या उनका प्रभाव न हो। उनकी यात्राओं ने गुलामी के उस दौर में देश को उसकी पुरातन राष्ट्रीय चेतना का अहसास करवाया, उसमें नया आत्मविश्वास फूंका। 

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इसी कार्यक्रम में मोदी ने कहा कि हमारे संतों ने हमें दिखाया है कि जब हमारे विचारों में व्यापकता होती है, तो अपने प्रयासों में हम कभी अकेले नहीं पड़ते। आप भारत वर्ष की धरती पर ऐसे कितने ही संतों की जीवन यात्रा देखेंगे, जिन्होंने शून्य संसाधनों के साथ शिखर जैसे संकल्पों को पूरा किया। उन्होंने कहा कि संकल्प की शक्ति को हम स्वच्छ भारत मिशन में भी देखते हैं। लोगों को विश्वास नहीं था कि भारत में इस तरह का मिशन सफल हो सकता है, लेकिन भारतवासियों ने संकल्प लिया और परिणाम आज दुनिया देख रही है। आज भारत डिजिटल पेमेंट के क्षेत्र में भी वर्ल्ड लीडर के तौर पर उभरा है।

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