तिहाड़ से रिहा हुए ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर, चिदंबरम का ट्वीट- यह जुल्म पर आजादी की जीत

Mohammed Zubair
ANI
अंकित सिंह । Jul 20 2022 10:30PM

पूर्व गृहमंत्री ने ट्वीट किया, मोहम्मद जुबैर को रिहा करने के लिए उच्चतम न्यायालय का आभारी हूं। यह जुल्म पर आजादी की जीत है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को अन्य सभी जुबैरों को भी रिहा करना चाहिए और गिरफ्तारी की शक्ति के दुरुपयोग को समाप्त करना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने पर ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर आज तिहाड़ जेल से रिहा हो गए। सुप्रीम कोर्ट ने मोहम्मद जुबैर को उत्तर प्रदेश में उनके खिलाफ दर्ज सभी मामलों में जमानत दे दी थी। अब इसको लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने एक ट्वीट किया है। मोहम्मद जुबैर के रिहाई का स्वागत करते हुए चिदंबरम ने कहा कि यह रिहाई जुल्म पर आजादी की जीत है। पूर्व गृहमंत्री ने ट्वीट किया, मोहम्मद जुबैर को रिहा करने के लिए उच्चतम न्यायालय का आभारी हूं। यह जुल्म पर आजादी की जीत है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को अन्य सभी जुबैरों को भी रिहा करना चाहिए और गिरफ्तारी की शक्ति के दुरुपयोग को समाप्त करना चाहिए। 

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अशोक गहलोत का ट्वीट

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उच्चतम न्यायालय द्वारा ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को जमानत दिए जाने के निर्णय का स्वागत किया है। गहलोत ने ट्वीट किया कि उच्चतम न्यायालय द्वारा ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को रिहा करने का आदेश स्वागत योग्य है। उन्होंने आगे लिखा कि भाजपा सरकारों द्वारा ऐसी कार्रवाई करना निंदनीय है। अब देश में दूसरी विचारधारा वाले और भाजपा के झूठ को उजागर करने वाले हर व्यक्ति को जेल में डालने का चलन हो गया है।

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जुबैर को अंतरिम जमानत

सुप्रीम कोर्ट ने ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को कथित तौर पर नफरत फैलाने वाले उनके ट्वीट को लेकर उत्तर प्रदेश में दर्ज सभी मामलों में बुधवार को यह कहते हुए अंतरिम जमानत दे दी कि ‘‘गिरफ्तारी की शक्ति का इस्तेमाल बहुत ही संयम’’ के साथ किया जाना चाहिए। इसके साथ ही न्यायालय ने जुबैर के खिलाफ उत्तर प्रदेश में दर्ज सभी मामलों को दिल्ली स्थानांतरित कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि ‘‘जुबैर को उसकी आजादी से वंचित रखने का कोई औचित्य उसे नजर नहीं आता’’ तथा इसने उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) को समाप्त करने का भी आदेश दिया। न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना की पीठ ने जुबैर को ट्वीट से रोकने संबंधी उत्तर प्रदेश सरकार की मांग यह कहते हुए खारिज कर दी कि क्या किसी वकील को (अदालत में) बहस करने से रोका जा सकता है।

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