रमजान के साथ ही तुष्टीकरण की सियासत भी शुरू, केजरीवाल और कांग्रेस के बीच छिड़ा कंपटीशन
दिल्ली की सरकार ने रमजान के मद्देनजर मुस्लिम कर्मचारियों को सहूलियत देते हुए एक महीने तक ऑफिस से प्रतिदिन दो घंटे की शॉर्ट लीव देने की अनुमति दी है।
रमजान का महीना चल रहा है और दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार हो या राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार मुस्लिम तुष्टीकरण के मामले में एक-दूसरे को कंपटिशन देने में लगे हैं। राजस्थान में एक आदेश जारी हुआ कि रमजान के महीने में मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में बिजली कटौती नहीं की जाएगी। वहीं दिल्ली की सरकार ने रमजान के मद्देनजर मुस्लिम कर्मचारियों को सहूलियत देते हुए एक महीने तक ऑफिस से प्रतिदिन दो घंटे की शॉर्ट लीव देने की अनुमति दी है। लेकिन इन आदेशों के जारी होते ही सियासी पारा गरम हो गया। बीजेपी ने इन आदेशों का विरोध करना शुरू कर दिया। वहीं इसके साथ सोशल मीडिया पर भी बहस छिड़ गई।
रमजान पर निर्बाध बिजली
जोधपुर डिस्कॉम द्वारा इंजीनियरों को "रमजान के दौरान सभी मुस्लिम बहुल इलाकों" में निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश के कारण विपक्ष ने राजस्थान सरकार पर तुष्टीकरण का आरोप लगाया। विरोध के बाद आदेश को वापस लेना पड़ा। बता दें कि जोधपुर डिस्कॉम के सहायक प्रबंध निदेशक आरएस बडियासर द्वारा 1 अप्रैल को जारी आदेश में अपने अधिकार क्षेत्र के सभी 10 जिलों के इंजीनियरों को रमजान के मद्देनजर सभी मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था।
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बीजेपी ने उठाए सवाल
जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने कहा कि राज्य में लोग न केवल रमजान बल्कि नवरात्रि भी मना रहे हैं और उसी के लिए उपवास भी कर रहे हैं। “राज्य सरकार को केवल रमज़ानियों की ही चिंता क्यों है? राज्य के बाकी लोगों के लिए क्यों नहीं? राज्य की जनता जवाब चाहती है। यह तुष्टिकरण और वोट की राजनीति नहीं तो और क्या है? आलोचना के बीच, डिस्कॉम ने एक नया आदेश दिया जिसमें पहले की अधिसूचना में उल्लिखित 'रमजान' और 'मुस्लिम क्षेत्रों' जैसे शब्दों को हटा दिया गया था। एमडी प्रमोद टाक ने कहा कि हर त्योहार पर होली हो या दिवाली, इस तरह के आदेश जारी किए जाते हैं। त्योहारों के दौरान किसी भी इंजीनियर को साप्ताहिक अवकाश नहीं दिया जाता है।
केजरीवाल सरकार का शॉर्ट लिव वाला फैसला
दिल्ली जल बोर्ड की तरफ से 4 अप्रैल को एक सर्कुलर जारी किया गया था जिसमें यह कहा गया था कि रमजान के मौके पर दिल्ली जल बोर्ड में काम करने वाले मुस्लिम कर्मचारी 1 दिन में 2 घंटे की शॉर्ट लीव ले सकते हैं। लेकिन इसके बाद ही अगले ही दिन नया सर्कुलर जारी किया गया जिसमें 2 घंटे की छुट्टी दिए जाने को लेकर एक सर्कुलर को वापस ले लिया गया है।
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