कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच यूपी में सभी अंतरिम आदेश 31 मई तक बढ़ाए गए
कोरोना वायरस के मद्देनजर उत्तर प्रदेश में सभी अंतरिम आदेश 31 मई तक बढ़ाए गए।कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय यादव और न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की पीठ ने पांच जनवरी, 2021 को निस्तारित एक जनहित याचिका को बहाल करते हुए यह आदेश पारित किया।
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के तेज फैलाव को देखते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने शनिवार को निर्देश दिया कि उसके और उसकी लखनऊ पीठ, सभी जनपद न्यायालयों आदि द्वारा पारित सभी अंतरिम आदेश 31 मई, 2021 तक के लिए बढ़े हुए माने जाएंगे। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय यादव और न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की पीठ ने पांच जनवरी, 2021 को निस्तारित एक जनहित याचिका को बहाल करते हुए यह आदेश पारित किया। पीठ ने निर्देश दिया, “इलाहाबाद उच्च न्यायालय और उसकी लखनऊ पीठ, सभी जनपद न्यायालयों, दीवानी अदालतें, पारिवारिक अदालतें, श्रम अदालतें, औद्योगिक अधिकरणों और अन्य अधिकरणों, अर्ध-न्यायिक फोरमों द्वारा पारित सभी अंतरिम आदेश 31 मई, 2021 तक बढ़े हुए माने जाएंगे।”
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अदालत ने कहा, “उत्तर प्रदेश में आपराधिक अदालतों द्वारा सीमित अवधि के लिए दी गई जमानत या अग्रिम जमानत के आदेश जो 31 मई, 2021 को या इससे पूर्व समाप्त हो रहे थे, वे 31 मई, 2021 तक बढ़े हुए माने जाएंगे।” पीठ ने कहा, “कब्जा खाली कराने या ध्वस्तीकरण के ऐसे कोई आदेश जो उच्च न्यायालय, जिला अदालत या दीवानी अदालत द्वारा पारित किए गए, लेकिन इस आदेश के पारित होने की तिथि तक अमल में नहीं लाए गए, वे 31 मई, 2021 तक स्थगित रहेंगे और अधिकारी ध्वस्तीकरण या कब्जा मुक्त कराने की कार्रवाई में नरमी बरतेंगे।” अदालत ने निर्देश में कहा, “कोई भी बैंक या वित्तीय संस्थान किसी व्यक्ति या संस्थान की किसी भी संपत्ति के संबंध में नीलामी के लिए कोई कार्रवाई नहीं करेगा।” हालांकि अदालत ने यह स्पष्ट किया कि इस आदेश के मुताबिक अंतरिम आदेश के विस्तार मामले में यदि किसी को अनुचित कठिनाई का सामना करना पड़ता है तो वह पक्ष सक्षम अदालत के समक्ष याचिका दायर कर राहत की मांग करने को स्वतंत्र होगा। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 31 मई, 2021 तय की।
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