समाज के कामगार, कमजोर वर्गों के प्रति भाजपा का रवैया संवेदनहीन : अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में श्रमिक संगठनों, समाज सेवियों, वित्तविहीन माध्यमिक शिक्षकों, घुमंतू तथा लघु एवं मध्यम उद्यमों के श्रमिक प्रतिनिधियों की बैठक को संबोधित करते हुए सपा अध्यक्ष ने दावा किया, ‘‘आज भाजपा अपने कुप्रचार से लोगों को भ्रमित करने को अपनी उपलब्धि मानती है। भाजपा की नीतियों के खिलाफ सपा संघर्ष कर रही है और वह समाजवाद, लोकतंत्र और पंथनिरपेक्षता के लिए प्रतिबद्ध है।’’
लखनऊ, 5 सितंबर। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हर वर्ग का विरोधी करार देते हुए कहा कि उसका चरित्र अमानवीय है, समाज के कामगार, कमजोर वर्ग और अल्पसंख्यकों के प्रति उसका रवैया संवेदनहीन है। समाजवादी पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में श्रमिक संगठनों, समाज सेवियों, वित्तविहीन माध्यमिक शिक्षकों, घुमंतू तथा लघु एवं मध्यम उद्यमों के श्रमिक प्रतिनिधियों की बैठक को संबोधित करते हुए सपा अध्यक्ष ने दावा किया, ‘‘आज भाजपा अपने कुप्रचार से लोगों को भ्रमित करने को अपनी उपलब्धि मानती है। भाजपा की नीतियों के खिलाफ सपा संघर्ष कर रही है और वह समाजवाद, लोकतंत्र और पंथनिरपेक्षता के लिए प्रतिबद्ध है।’’
सपा मुख्यालय द्वारा रविवार को जारी बयान के अनुसार, यादव ने कहा, ‘‘किसान-मजदूर का हित किए बिना कोई विकास नहीं हो सकता है। आज महंगाई की मार सबसे ज्यादा श्रमिकों और समाज के कमजोर वर्ग पर पड़ रही है। भाजपा की प्राथमिकता में पूंजीपतियों का हित साधना है।’’ उन्होंने कहा कि श्रमिकों के लिए अहितकारी कानून बनाए जा रहे हैं लेकिन उनके हक और सम्मान का संघर्ष जारी रखना आवश्यक है। सपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘सत्ताधारी दल द्वारा प्रलोभन एवं सत्ता का बढ़ता दुरूपयोग लोकतंत्र के लिए बड़ी चुनौती है। भाजपा के षडयंत्र अब उजागर होते जा रहे हैं। इससे उम्मीद बंधी है कि 2024 में देश में लोकतंत्र की बहाली होगी।’’
उन्होंने विधानसभा चुनाव में सपा का साथ देने के लिए श्रमिकों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी श्रमिकों के साथ है और उसने अपनी सरकार में मजदूरों के पक्ष में कई निर्णय लिए थे और योजनाएं लागू की थीं। कोविड लॉकडाउन में श्रमिकों को अनाथ छोड़ने और उनके लिए कुछ नहीं करने का आरोप लगाते हुए अखिलेश यादव ने कहा, ‘‘पैदल अपने घर लौटते हुए रास्ते में 90 मजदूरों की मौत हुई। श्रमिकों को समाजवादी पार्टी ने मदद दी और प्रत्येक मृतक के आश्रित को एक लाख रुपए की आर्थिक सहायता भी दी।
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