अखिलेश यादव का चुनाव आयोग पर आरोप, भाजपा के फरमान पर यादव और मुसलमानों के वोट किए गए कम
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि यह सरकार लोगों द्वारा नहीं बनाई गई है, यहां तक कि लोगों को भी विश्वास नहीं है कि उन्होंने (भाजपा) फिर से सरकार कैसे बनाई। उन्होंने और उनकी मशीनरी ने समाजवादी पार्टी से सरकार छीन ली क्योंकि उन्हें पता था कि अगर वे यूपी में सत्ता खो देंगे तो वे दिल्ली में सत्ता खो देंगे।
समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन चल रहा है। अखिलेश यादव एक बार फिर से निर्विरोध रूप से समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष चुन लिए गए हैं। यह तीसरा मौका है जब उन्हें अध्यक्ष चुना गया है। इस बात की घोषणा समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और चुनाव अधिकारी रामगोपाल यादव ने की। पहली बार अखिलेश यादव 2017 में आपात राष्ट्रीय अधिवेशन में मुलायम सिंह यादव की जगह पर राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे। यह वही दौर था जब शिवपाल यादव के साथ उनका गतिरोध चरम पर था। पार्टी के झंडे और चुनाव निशान को लेकर भी अदालती लड़ाई चल रही थी। कोर्ट की ओर से अखिलेश यादव के पक्ष में पास आया था। तब से अखिलेश यादव लगातार समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष बने हुए हैं।
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उस वक्त अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी थे। अखिलेश यादव के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में 2017 का चुनाव, 2019 लोकसभा चुनाव और 2022 विधानसभा चुनाव सपा ने लड़ा है। हालांकि नतीजे उसके पक्ष में नहीं गए। इन सब के बीच राष्ट्रीय अधिवेशन को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग पर भी बड़ा आरोप लगा दिया। अखिलेश यादव ने साफ तौर पर कहा है कि चुनाव आयोग ने भाजपा के फरमान पर हर सीट पर यादव और मुसलमानों के वोट कम किए हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने जानबूझकर भाजपा और उसके सहयोगियों के फरमान पर लगभग हर विधानसभा सीट पर यादवों और मुसलमानों के वोटों को 20,000 कम कर दिया। जांच कराई जा सकती है, पता चलेगा कि कई लोगों के नाम निकाले गए।
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सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि यह सरकार लोगों द्वारा नहीं बनाई गई है, यहां तक कि लोगों को भी विश्वास नहीं है कि उन्होंने (भाजपा) फिर से सरकार कैसे बनाई। उन्होंने और उनकी मशीनरी ने समाजवादी पार्टी से सरकार छीन ली क्योंकि उन्हें पता था कि अगर वे यूपी में सत्ता खो देंगे तो वे दिल्ली में सत्ता खो देंगे। भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि वह राशन मुक्त कर दिया है क्योंकि कुछ राज्यों में चुनाव आ रहे हैं। वे राशन मुक्त कर सकते हैं लेकिन गांवों में गरीब लोगों को स्ट्रेचर या एम्बुलेंस नहीं दे सकते जबकि वे बड़े कारोबारियों को बड़ा लाभ देते हैं। इससे पहले उन्होंने कहा था कि मुझे लगता है कि यह सरकार जानबूझ कर सरकारी व्यवस्थाओं को ध्वस्त करना चाहती है जिससे यह भी प्राइवेट हाथों में बांट दें... आज रोज़गार, नौकरी का संकट है। संविधान में हमें जो अधिकार मिले हैं यह सरकार उसमें छेड़छाड़ कर हमारे बहुजन समाज को पीछे करना चाहती है।
#WATCH | Lucknow, UP: Election commission deliberately reduced the votes of Yadavs & Muslims by 20,000 in almost every Vidhan sabha seat on diktats of BJP & its aides. Probe can be conducted, it will be found that the names of many people were removed...: SP chief Akhilesh Yadav pic.twitter.com/TXGQz14pfh
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) September 29, 2022
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