ज्ञानवापी पर बयान देकर फंसे अखिलेश-ओवैसी, धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने का आरोप, 14 जून को केस की मांग पर सुनवाई
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी, उनके भाई अकबरुद्दीन ओवैसी समेत सात लोगों पर ज्ञानवापी मामले में धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप हैं। मामले में वादी हरिशंकर पांडेय की तरफ से ज्ञानवापी सर्वे में सहायक अजय प्रताप सिंह, धनश्याम मिश्र और साधना मिश्र ने वकालतनामा दाखिल किया है।
ज्ञानवापी मामले में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी खतरे में हैं और दोनों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है। जिस पर कोर्ट की तरफ से आज फैसला सुनाया जाना था। आज आवदेन पत्र की पोषणीयता पर सुनवाई होनी थी। यानी कोर्ट को ये तय करना था कि मामला सुनवाई के योग्य है या नहीं। लेकिन एसीजेएम की कोर्ट ने मामले की सुनवाऊ के लिए अगली तारीख 14 जून की तय की है।
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क्या है पूरा मामला?
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी, उनके भाई अकबरुद्दीन ओवैसी समेत सात लोगों पर ज्ञानवापी मामले में धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप हैं। मामले में वादी हरिशंकर पांडेय की तरफ से ज्ञानवापी सर्वे में सहायक अजय प्रताप सिंह, धनश्याम मिश्र और साधना मिश्र ने वकालतनामा दाखिल किया है।
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वाद दाखिल करने वाले वक्ता हरिशंकर पांडेय ने 30 मई को अदालत में मामले के और साक्ष्य देने की मांग की थी। जिस पर कोर्ट ने 2 जून की तिथि सुनवाई के लिए तय की थी। लेकिन 2 जून को सुनवाई नहीं हो सकी। आज मामला सुनवाई के योग्य है या नहीं कोर्ट की तरफ से ये तय किया जाना था। लेकिन अब अगली डेट 14 जून तय की है। साथ ही, आदेश दिया है कि प्रकरण से संबंधित आवेदन पत्र एसीजेएम उज्ज्वल उपाध्याय की अदालत में दाखिल किया गया था। लिहाजा, सुनवाई की अगली डेट पर वादी एसीजेएम की कोर्ट में ही पेश हों।
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