मुलायम को चुनौती देने वाले रमाकांत को अखिलेश ने दिलाई सपा की सदस्यता
अखिलेश ने कहा, ‘‘बीच में कुछ कारणों से दूरियां बनी थी, लेकिन अब कोई दूरी नहीं रहेगी। आने वाले समय में हम लोग मिलकर काम करेंगे।’’
लखनऊ। पूर्व सांसद रमाकांत यादव रविवार को अपने समर्थकों के साथ समाजवादी पार्टी (सपा) में शामिल हो गये। चार बार सांसद रह चुके रमाकांत सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हुए। वह वर्ष 2014 में आज़मगढ़ सीट से भाजपा के टिकट पर सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के खिलाफ चुनाव लड़े थे। रमाकांत इस साल भदोही लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे, मगर कामयाबी नहीं मिली। उन्हें गत तीन अक्टूबर को कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया था। सपा अध्यक्ष अखिलेश ने रमाकांत और उनके साथियों का पार्टी में स्वागत करते हुए कहा कि इससे दल को और मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘‘सपा की यह जो ताकत बढ़ रही है उससे भरोसा हो रहा है कि वर्ष 2022 (उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव) में आप सबका सहयोग मिलेगा तो भाजपा को हटाने में हम जरूर कामयाब होंगे।’’
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अखिलेश ने कहा, ‘‘बीच में कुछ कारणों से दूरियां बनी थी, लेकिन अब कोई दूरी नहीं रहेगी। आने वाले समय में हम लोग मिलकर काम करेंगे।’’ करीब 15 साल बाद सपा में वापसी कर रहे रमाकांत यादव ने कहा, ‘‘आज जो देश के हालात हैं, उनमें देश का नौजवान, किसान और मजदूर एक आशा भरी निगाह से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की तरफ देख रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं विश्वास दिलाता हूं कि एक सिपाही के रूप में आप जहां कहेंगे, वहां मैं खड़ा रहूंगा।’’ रमाकांत वर्ष 1996 में सपा के टिकट पर आज़मगढ़ से सांसद चुने गये थे। उसके बाद 1999 में भी वह इसी सीट से एक बार फिर पार्टी सांसद बने। वर्ष 2004 में वह बसपा और 2009 में भाजपा के टिकट पर आज़मगढ़ सीट से लोकसभा के लिए चुने गये थे। इस मौके पर बसपा के पूर्व विधान परिषद सदस्य अतहर खां और पूर्व सांसद फूलन देवी की बहन रुक्मणी देवी निषाद भी सपा में शामिल हुई।
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