महिलाओं के खिलाफ ‘अत्याचार और अन्याय’ को लेकर अखिलेश ने मप्र सरकार की आलोचना की

Akhilesh Yadav
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उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी की रणनीति पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग के कल्याण के लिए काम करना है और अगर पार्टी इस रणनीति पर काम करना जारी रखती है तो यह मध्यप्रदेश में एक बड़ा बदलाव देखेगी। यादव ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी के उम्मीदवार लंबे समय से मध्य प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में जीत रहे हैं और राज्य में उनकी मजबूत उपस्थिति है।

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मध्य प्रदेश में महिलाओं के साथ हो रहे ‘अन्याय’ को लेकर बृहस्पतिवार को भाजपा सरकार की आलोचना की और 12 साल की लड़की से बलात्कार की घटना को कल्पना से परे बताया। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री यादव ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराने के उद्देश्य से साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार उतारेगी। पार्टी ने 2018 के चुनाव में छतरपुर की बिजावर सीट से जीत हासिल की थी, लेकिन विधायक राजेश शुक्ला बाद में पाला बदल कर भाजपा में शामिल हो गए। यादव ने कहा, ‘‘ भाजपा के लगभग 20 वर्षों तक मध्य प्रदेश में और 10 वर्षों तक केंद्र में सत्ता में रहने के बावजूद, देश में महिलाओं के खिलाफ अन्याय और अत्याचार के सबसे अधिक मामले मध्य प्रदेश में हैं।

यह समाजवादी पार्टी का नहीं बल्कि एनसीआरबी (नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो) का आंकड़ा है।’’ सपा प्रमुख बुधवार को रीवा जिले के सिरमौर में अपनी पार्टी के उम्मीदवार लक्ष्मण तिवारी के पक्ष में एक रैली में हिस्सा लेने के लिए यहां पहुंचे थे। यादव ने खजुराहो में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि क्या कोई सोच सकता है कि जिस राज्य में 1.2 करोड़ महिलाएं ‘लाड़ली बहना’ योजना से जुड़ी हों, वहां 12 साल की बच्ची के साथ (उज्जैन बलात्कार कांड) ऐसी स्थिति हो। मप्र के उज्जैन शहर में 12 साल की एक बच्ची बलात्कार के बाद सड़क पर खून से लथपथ पाई गई थी। उसका बुधवार को विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक टीम ने ऑपरेशन किया और उसकी हालत गंभीर लेकिन स्थिर है। नाबालिग के साथ हुई इस घटना के बाद लोगों में भारी आक्रोश फैल गया।

मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार ने उज्जैन की इस घटना की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है और एक संदिग्ध को हिरासत में लिया गया है। यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश में 20 साल और केंद्र में दस साल तक भाजपा में सत्ता में रहने के बावजूद प्रदेश में महिलाओं के बीच असुरक्षा का माहौल है। महिलाओं के लिए लोकसभा और विधानसभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान करने वाले नारी शक्ति वंदन अधिनियम (महिला आरक्षण विधेयक) के पारित होने का जिक्र करते हुए यादव ने कहा कि कोई नहीं जानता कि यह कब लागू होगा। सपा अध्यक्ष ने कहा कि अगर भाजपा इसे लेकर गंभीर है तो पार्टी को आगामी विधानसभा चुनावों में 33 प्रतिशत महिलाओं को मैदान में उतारना चाहिए लेकिन भाजपा द्वारा अब तक घोषित सूचियां उस प्रावधान को प्रतिबिंबित नहीं करतीं।

यादव ने कहा कि उनकी पार्टी इन चुनावों में 20 प्रतिशत सीट पर महिलाओं को मैदान में उतारने पर विचार करेगी। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में सपा के लिए जगह है क्योंकि भाजपा में अपने 18 साल के शासन में कुछ नहीं किया है। उन्होंने कहा, ‘‘ हम उन सीट पर उम्मीदवार खड़े करने जा रहे हैं जहां से वे भाजपा नेता चुनाव लड़ रहे हैं जिन्होंने उप्र में प्रचार किया और सपा प्रत्याशियों की हार में योगदान दिया।’’ उन्होंने कहा, हम उन सीट पर उम्मीदवार खड़े करने जा रहे हैं, जहां हमारी जीत की अच्छी संभावना है और साथ ही भाजपा की हार सुनिश्चित करने की भी। सत्तारूढ़ भाजपा ने कुछ नहीं किया है, लेकिन उनके विज्ञापन दिखाते हैं कि राज्य में सब कुछ ठीक-ठाक है।

विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के बारे में पूछे गए एक सवाल के उत्तर में यादव ने कहा कि सपा इसका हिस्सा है लेकिन वह उन राज्यों में चुनाव लड़ेगी जहां वह मजबूत है और भाजपा को आगे बढ़ने से रोकने की स्थिति में है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी की रणनीति पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग के कल्याण के लिए काम करना है और अगर पार्टी इस रणनीति पर काम करना जारी रखती है तो यह मध्यप्रदेश में एक बड़ा बदलाव देखेगी। यादव ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी के उम्मीदवार लंबे समय से मध्य प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में जीत रहे हैं और राज्य में उनकी मजबूत उपस्थिति है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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