गुरुद्वारा चुनाव में अकालियों ने लगाई जीत की हैट्रिक, क्या पंजाब में भी दिखेगा असर?
पार्टी प्रमुख सुखबीर बादल ने दावा किया कि सिख संगतों ने सुखदेव सिंह ढींडसा, कांग्रेस समर्थित सेना ग्रुप और बीजेपी प्रायोजित ग्रुप को पूरी तरह से खारिज कर दिया। बीजेपी ने ढींडसा और मनजीत सिंह जीके के माध्यम से 46 में से सिर्फ 2 सीटें जीतने में सफलता हासिल कर सकी।
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव में अकाली दल (बादल) ने एक बार फिर से शानदार जीत दर्ज की है। 2013, 2017 के बाद अब 2021 में पार्टी ने 46 सीटों में से 27 सीटों पर कब्जा किया है। इसके साथ ही चुनावों में अकाली दल ने हैट्रिक लगाई है। इसके अलावा सरना दल ने 15, जागो ने 3 और 1 पर निर्दलीय उम्मीदवार की जीत हुई है। इस जीत के बाद अकाली दल में उत्साह है। पार्टी इसे बड़ी जीत के रूप में देख रही है। पार्टी प्रमुख सुखबीर बादल ने दावा किया कि सिख संगतों ने सुखदेव सिंह ढींडसा, कांग्रेस समर्थित सेना ग्रुप और बीजेपी प्रायोजित ग्रुप को पूरी तरह से खारिज कर दिया। बीजेपी ने ढींडसा और मनजीत सिंह जीके के माध्यम से 46 में से सिर्फ 2 सीटें जीतने में सफलता हासिल कर सकी।
इस जीत पर अकाली दल में जबरदस्त उत्साह है और इसका सबसे प्रमुख कारण है कि पंजाब चुनाव से पहले यह जीत मिली है। माना जा रहा है कि इस जीत के बाद पंजाब विधानसभा चुनाव में अकाली दल जबरदस्त आत्मविश्वास साथ उतरेगी। अगले साल पंजाब में विधानसभा के चुनाव होने हैं और अकाली दल का मुख्य मुकाबला कांग्रेस तथा आम आदमी पार्टी से है। हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी को जबरदस्त हार का सामना करना पड़ा था और पार्टी सीधे तीसरे नंबर पर 18 सीटों के साथ चली गई थी। पार्टी के वोट शेयर में 50% तक का गिरावट देखने को मिला था।I thank our DSGMC team led by S. @mssirsa for living up to expectations of Sangat & Khalsa Panth via Sewa & Smarpan to Panthic ideas. Sirsa's support to #COVID victims, farmers & Afghan Sikh refugees, has brought laurels to SAD. He will be nominated to DSGMC on behalf of SGPC.4/4 pic.twitter.com/jQy9aSpfrg
— Sukhbir Singh Badal (@officeofssbadal) August 25, 2021
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पिछले विधानसभा चुनाव में अकाली दल पंजाब में भाजपा के साथ थी। हालांकि उस वक्त वह सत्ता में थी। लेकिन अब राजनीतिक परिस्थितियां पंजाब की बदल चुकी है। शिरोमणि अकाली दल भाजपा से अलग हो चुकी है और उसका गठबंधन बसपा के साथ हुआ है। यानी कि अगला विधानसभा चुनाव शिरोमणि अकाली दल और बसपा मिलकर लड़ेंगे। आम आदमी पार्टी भी पंजाब में लगातार अपनी पकड़ को मजबूत कर रही है। कांग्रेसी आंतरिक कलह से जूझने के बावजूद पंजाब चुनाव को लेकर खासा सतर्कता बरतते हुए तैयारियों में जुटी हुई है।
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दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव में अकाली दल ने जबरदस्त जीत हासिल की। परंतु उसके स्टार कैंडिडेट मनजिंदर सिंह सिरसा चंद वोटों से हार गए। पंजाबी बाग सीट से उन्हें शिरोमणी अकाली दल दिल्ली के हरविंदर सिंह सरना ने हराया। पंजाबी बाग के सीट हॉट सीट बनी हुई थी। भले ही मनजिंदर सिंह सिरसा चुनाव हार गए लेकिन उन्होंने पार्टी को जरूर जीत दिलाई है।
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