एयरसेल-मैक्सिस मामला: चिदंबरम बोले- खास मकसद से प्रेरित जांच दास्तां
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल चिदंबरम पिता-पुत्र की ओर अदालत में प्रस्तुत हुए। सीबीआई ने दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार और प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन का मामला दर्ज किया है।
नयी दिल्ली। पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम ने एयरसेल-मैक्सिस मामले के बारे में कहा कि ‘यह एक खास मकसद से प्रेरित जांच दास्तां’ है और सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय के पास उन्हें गिरफ्तार करने का कोई आधार नहीं है। चिदंबरम पिता-पुत्र ने यह बात उनकी अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कही। उनके खिलाफ दोनों एजेंसियों ने मामले दायर किए हुए हैं जिस पर न्यायाधीश ओ. पी. सैनी की विशेष अदालत सुनवाई कर रही है। अदालत ने गिरफ्तारी से राहत प्रदान करने वाली उनकी अंतरिम जमानत को नौ अगस्त तक बढ़ा दिया है। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल चिदंबरम पिता-पुत्र की ओर अदालत में प्रस्तुत हुए। सीबीआई ने दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार और प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन का मामला दर्ज किया है। सिब्बल ने कहा कि दोनों एजेंसियां चिदंबरम पिता-पुत्र के खिलाफ मामले की जांच पूरी कर चुकी हैं। ऐसे में उनकी हिरासत से कुछ हासिल नहीं होगा।
Special Court extends the interim protection of P Chidambaram and Karti Chidambaram till 9th August, in Aircel Maxis case. (file pics) pic.twitter.com/cCcwBSoVTG
— ANI (@ANI) August 1, 2019
दोनों की गिरफ्तारी से राहत की अवधि को बढ़ा दिया गया, क्योंकि सीबीआई की ओर से पेश वकील सोनिया माथुर और ईडी की ओर से पेश वकील एन. के. मट्टा और नितेश राणा ने इस पर जिरह करने के लिए और समय की मांग की। इसकी वजह सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का उपलब्ध नहीं रहा है, क्योंकि उन्होंने ही इस पर जिरह शुरू की थी। सिब्बल ने कहा, ‘‘हमारे मामले में जांच पूरी हो चुकी है। जांच के दौरान किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई है। दोनों मामले में आरोप पत्र दायर किए जा चुके हैं। एक साल से अधिक की अवधि बीत चुकी है। ऐसे में उन्हें (आरोपी) को जमानत नहीं दिए जाने का कोई आधार नहीं है।’’ उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय के कार्ति द्वारा विदेश जाकर साक्ष्यों को नुकसान पहुंचाने के आरोप का भी खंडन किया।
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उन्होंने कहा कि जब भी कार्ति विदेश गए उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार गए। एजेंसियां इसे उनकी जमानत रद्द करने का आधार बना रही हैं जबकि यह आधार हो ही नहीं सकता। जब कार्ति विदेश गए थे तो इन एजेंसियों ने उन्हें समन जारी किया और प्रस्तुत नहीं होने को उनकी जमानत रद्द करने का आधार बनाया। उन्होंने कहा कि कार्ति का सहयोगी भास्करमन भी हाजिर नहीं हो रहा है, क्या यह उनकी जमानत रद्द करने का आधार बनेगा। उसे मामले में गिरफ्तार नहीं किया गया है। वह इसलिए हाजिर नहीं हुआ क्योंकि उसकी पत्नी बीमार है। हालांकि वह एक स्वतंत्र चार्टड अकाउंटेंट है। अदालत अब इस मामले की सुनवाई 9 अगस्त को करेगी।
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