दिवाली के एक दिन बाद कोलकाता और आसपास के क्षेत्रों की वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में पहुंची

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वायु निगरानी केंद्र के आंकड़ों के अनुसार, रविवार शाम छह बजे रवीन्द्र सरोवर में एक्यूआई 216, बालीगंज (257), विक्टोरिया मेमोरियल (276), यादवपुर (267), फोर्ट विलियम (255), विधाननगर (243) और घुसुरी में (262) रहा। पर्यावरणविद नबा दत्ता ने कहा कि रविवार को सूर्यास्त के बाद जैसे ही शहर के विभिन्न शहरों में आतिशबाजी शुरू हुई प्रदूषण का स्तर भी बढ़ गया। देर रात तक पटाखे फोड़े जाने की आवाजें आती रहीं। पर्यावरणविद् सोमेंद्र मोहन घोष ने पीटीआई-को बताया कि शोर के स्तर को मापने के लिए डब्ल्यूबीपीसीबी द्वारा ड्रोन तैनात करना अवैज्ञानिक है। सारा बांग्ला आतश बाजी उन्नयन समितिके अध्यक्ष बबला रॉय ने कहा कि उसके सदस्यों ने जो पटाखे बेचे हैं वह वैध हैं।

काली पूजा और दिवाली के एक दिन बाद सोमवार सुबह कोलकाता और उसके आसपास के क्षेत्रों में हवा की गुणवत्ता ‘खराब’ रही और महानगर में दोपहर बाद तक धुंध छाई रही। अधिकारियों ने बताया कि वायु गुणवत्ता के खराब होने की एक मात्र वजह रविवार को हुई आतिशबाजी ही नहीं, बल्कि मौजूदा मौसम भी है। इस मौसम में कोहरे और धुएं की उपस्थिति के कारण छोटे कण हवा में बने रहते हैं। पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (डब्ल्यूबीपीसीबी) के दोपहर तीन बजे तक आंकड़ों के मुताबिक, वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) कोलकाता के रवीन्द्र सरोबार में 189, बालीगंज में 232, विक्टोरिया मेमोरियल में 290, जादवपुर में 209 और फोर्ट विलियम में 255 था। एक्यूआई शून्य से 50 के बीच अच्छा , 51 से 100 के बीच संतोषजनक , 101 से 200 के बीच मध्यम , 201 से 300 के बीच खराब , 301 से 400 के बीच बहुत खराब और 401 से 450 के बीच गंभीर माना जाता है।

एक्यूआई के 450 से ऊपर हो जाने पर इसे अति गंभीर माना जाता है। दोपहर तीन बजे बिधान नगर में एक्यूआई 206 और रवीन्द्र भारती विश्वविद्यालय वायु निगरानी स्टेशन में 171 था। सोमवार सुबह पड़ोसी हावड़ा जिले के घुसुरी में यह 310 और पश्चिम बर्धमान जिले के आसनसोल में 252 था। एक अधिकारी ने कहा कियहां तक कि 101-150 के बीच का मध्यम एक्यूआई भी संवेदनशील समूहों के लिए ठीक नहीं होता है। उन्होंने कहा कि 201-300 के बीच का एक्यूआई जनता के लिए बहुत अस्वास्थ्यकर है और अगर यह 300 अंक को पार कर जाता है तो खतरनाक हो जाता है। उन्होंने बताया कि डब्ल्यूबीपीसीबी के मुख्यालय ‘परिवेश भवन’ स्थित नियंत्रण कक्ष रविवार देर रात तक निगरानी कार्य में लगा रहा, जबकि शहर और आस-पास के इलाकों में ड्रोन से निगरानी की गई।

वायु निगरानी केंद्र के आंकड़ों के अनुसार, रविवार शाम छह बजे रवीन्द्र सरोवर में एक्यूआई 216, बालीगंज (257), विक्टोरिया मेमोरियल (276), यादवपुर (267), फोर्ट विलियम (255), विधाननगर (243) और घुसुरी में (262) रहा। पर्यावरणविद नबा दत्ता ने कहा कि रविवार को सूर्यास्त के बाद जैसे ही शहर के विभिन्न शहरों में आतिशबाजी शुरू हुई प्रदूषण का स्तर भी बढ़ गया। देर रात तक पटाखे फोड़े जाने की आवाजें आती रहीं। पर्यावरणविद् सोमेंद्र मोहन घोष ने पीटीआई-को बताया कि शोर के स्तर को मापने के लिए डब्ल्यूबीपीसीबी द्वारा ड्रोन तैनात करना अवैज्ञानिक है। सारा बांग्ला आतश बाजी उन्नयन समितिके अध्यक्ष बबला रॉय ने कहा कि उसके सदस्यों ने जो पटाखे बेचे हैं वह वैध हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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