दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज, दम घोट रही दिल्ली की हवा
दिल्ली में वायु गुणवत्ता में हल्का सा सुधार एक नवंबर को देखने को मिला है मगर ये सुधार वायु गुणवत्ता को सांस लेने योग्य नहीं बना रहा है। मंगलवार को भी राष्ट्रीय राजधानी में हवा खराब श्रेणी में दर्ज की गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के आधार पर ये बात सामने आई है।
नयी दिल्ली। दिल्ली में वायु गुणवत्ता में मंगलवार सुबह थोड़ा सुधार आया और वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘खराब’ श्रेणी में रहा। राष्ट्रीय राजधानी में न्यूनतम तापमान सामन्य से एक डिग्री सेल्सियस नीचे 15.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, शहर का एक्यूआई सुबह करीब सवा नौ बजे 266 दर्ज किया गया। दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक सोमवार रात आठ बजे 361 था। शून्य और 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 को ‘संतोषजनक’, 101 और 200 को ‘मध्यम’, 201 और 300 को ‘खराब’, 301 और 400 को ‘बहुत खराब’, तथा 401 और 500 को ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है। शहर में न्यूनतम तापमान मंगलवार को 15.2 डिग्री सेल्सियस रहा, जो इस मौसम के औसत तापमान में एक डिग्री कम है। भारत मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़ों के अनुसार, शहर में सुबह साढ़े आठ बजे सापेक्ष आर्द्रता 94 प्रतिशत दर्ज की गई। दिल्ली में सोमवार को न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम 15.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि अधिकतम तापमान 31.1 डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम विभाग ने दिन में आसमान मुख्य रूप से साफ रहने का अनुमान जताया है। अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है।
पिछले सात साल में राजधानी दिल्ली में दूसरी बेहतर वायु गुणवत्ता दर्ज
केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी वायु गुणवत्ता इंडेक्स के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर में इस साल लंबे समय तक हुई बारिश के कारण 2015-2022 के बीच इस महीने में दूसरा सबसे बेहतर वायु गुणवत्ता सूचकांक दर्ज किया गया है। गौरतलब है कि इस साल अक्टूबर में दिल्ली में औसत वायु गुणवत्ता 210 दर्ज किया गया था जबकि अक्टूबर 2021 में यह 173 दर्ज किया गया था। राष्ट्रीय राधानी में औसम वायु गुणवत्ता सूचकांक 2020 में 265, 2019 में 234, 2018 में 268, 2017 में 285, 2016 में 271 और 2015 में 264 दर्ज किया गया था। सीपीसीबी के वायु प्रयोगशाला के पूर्व प्रमुख दीपांकर साहा ने कहा, ‘‘हमारे देश में मौसम के हिसाब से वायु गुणवत्ता खराब होती है। यह पड़ोसी देशों से धूल आने। हवा की गति कम पड़ने के कारण प्रदूषकों के जमा होने। पराली जलाए जाने, वाहनों के बहुत ज्यादा उपयोग और निर्माण कार्यों के कारण होता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना लागू होने से प्रदूषण स्तर में पक्का कमी आएगी।’’ शहर में दो दिन वायु गुणवत्ता अच्छी रही, जबकि चार दिन यह संतोषजनक श्रेणी में भी रही। दिल्ली में 10 अक्टूबर को 24 घंटे में औसत वायु गुणवत्ता 44 दर्ज की गई जो 31 अगस्त, 2020 के बाद सबसे बेहतर है।
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