ED की पूछताछ के बाद सामने आया अहमद पटेल का बयान, कहा- संकट में भाजपा जांच एजेंसियों का इस्तेमाल करती है
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा पूछताछ किये जाने के बाद शनिवार को आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा सरकार जब भी किसी संकट में होती है तब वह इसी तरह जांच एजेंसियों का इस्तेमाल करती है, ताकि विमर्श को बदला जा सके।
नयी दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा पूछताछ किये जाने के बाद शनिवार को आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा सरकार जब भी किसी संकट में होती है तब वह इसी तरह जांच एजेंसियों का इस्तेमाल करती है, ताकि विमर्श को बदला जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी नियत बिल्कुल साफ है और उनके पास छिपाने को कुछ भी नहीं है। पटेल ने एक बयान में कहा, ‘‘अगर आप विश्लेषण करेंगे, तो आप पिछले कई वर्षों का एक विशेष पैटर्न देखेंगे। जब भी कोई राज्यसभा, लोकसभा या विधान सभा चुनाव आता है, या फिर सरकार किसी संकट में होती है, एक या ज्यादा जांच एजेंसियां सक्रिय हो जाती हैं, किसी व्यक्ति विशेष के निर्देश पर ऐसा होता है।’’
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पटेल ने दावा किया, ‘‘ दुर्भाग्यवश, इस बार अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े संकट से निपटने में मोदी सरकार की विफलता इतनी बड़ी है कि कोई भी एजेंसी विमर्श को बदलने में मददगार साबित नहीं होगी।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि कोविड-19 महामारी और चीन से लड़ने के बजाय यह सरकार विपक्ष से लड़ने को ज्यादा आतुर है। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘हमारे पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है और न हमें सरकार की आलोचना करने और उसकी नाकामियों एवं उसके पहले के भ्रष्टाचार को बेनकाब करने में कोई डर है।’’ अपना बयान ट्विटर पर साझा करते हुए पटेल ने कहा, ‘‘आज मोदी सरकार ने कुछ अतिथियों को मेरे घर भेजा था।’’ गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के एक दल ने आज कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पटेल से उनके आवास पर संदेसरा बंधुओं से संबंधित कथित धनशोधन मामले में करीब आठ घंटे तक पूछताछ की।
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अधिकारियों ने बताया कि इस केंद्रीय जांच एजेंसी के कुछ अधिकारियों के साथ तीन सदस्यीय दल मध्य दिल्ली के लुटियंस जोन में 23, मदर टेरेसा क्रीसेंट स्थित पटेल के आवास पर पूर्वाह्न करीब साढ़े 11 बजे पहुंचा और पूछताछ के बाद रात करीब नौ बजे उनके आवास से निकला। टीम के सदस्यों के हाथों में फाइलें नजर आयीं। उन्हें कोरोना वायरस संक्रमण से बचने के लिए मास्क एवं दस्ताने पहने भी देखा गया। अधिकारियों ने बताया कि आठ घंटे की पूछताछ के दौरान पटेल का बयान धनशोधन निरोधक कानून (पीएमएलए) के तहत दर्ज किया गया है और संदेसरा बंधुओं के साथ उनके कथित संबंध जांच के दायरे में हैं। ईडी ने पटेल (70) को इस मामले में पूछताछ के लिए दो बार तलब किया था, लेकिन गुजरात से राज्यसभा सदस्य पटेल ने वरिष्ठ नागरिकों को घर में ही रहने की सलाह देने वाले कोविड-19 वैश्विक महामारी के दिशा-निर्देशों का हवाला दिया था।
एजेंसी ने अहमद पटेल को भरोसा दिलाया कि अपने कार्यालय में पूछताछ के दौरान वह हर सावधानी बरतेगी, लेकिन पटेल की कानूनी टीम ने मीडिया में आ रही उन खबरों को रेखांकित किया, जिनमें कहा जा रहा था कि ईडी मुख्यालय में भी संक्रमण के मामले सामने आए है। यह धन शोधन मामला गुजरात की वड़ोदरा स्थित स्टर्लिंग बायोटेक और उसके मुख्य प्रमोटरों-नितिन संदेसरा, चेतन संदेसरा और दीप्ति संदेसरा द्वारा 14,500 करोड़ रुपए की कथित बैंक धोखाधड़ी से जुड़ा है। तीनों फरार हैं। नितिन और चेतन भाई हैं। एजेंसी ने कहा कि यह पीएनबी धोखाधड़ी से भी बड़ा बैंक घोटाला है। पीएनबी बैंक धोखाधड़ी में नीरव मोदी और मेहुल चौकसी कथित रूप से शामिल हैं। पीएनबी घोटाला करीब 13,400 करोड़ रूपये का है।
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