पिता की करारी शिकस्त के बाद ढीले पड़े संघमित्रा मौर्य के तेवर, कहा- मैं बीजेपी में थी और रहूंगी
भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्य ने कहा कि मैं बीजेपी में थी और रहूंगी। जब मैं यूपी चुनाव के दौरान पिता के समर्थन में आई तो सभी ने देखा कि मैंने किन परिस्थितियों में यह कदम उठाया और बेटी होने के नाते यह मेरी जिम्मेदारी थी कि मैं अपने पिता के साथ खड़ा रहूं।
बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में शानदार जीत दर्ज की है। वहीं समाजवादी पार्टी पिछली बार की तुलना में इस बार दोगुनी सीटें जीतने में सफल हो गई। लेकिन चुनाव से ठीक पहले बीजेपी से सपा में दलबदल कर आने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य को पराजय ही मिली। बीजेपी को नेस्तोनाबूद करने का दंभ भरने वाले मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य वैसे तो बीजेपी से ही सांसद हैं। लेकिन चुनाव के वक्त वो अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के खिलाफ मोर्चा खोले नजर आईं। लेकिन अब उनके तेवर नरम पर गए हैं।
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भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्य ने कहा कि मैं बीजेपी में थी और रहूंगी। जब मैं यूपी चुनाव के दौरान पिता के समर्थन में आई तो सभी ने देखा कि मैंने किन परिस्थितियों में यह कदम उठाया और बेटी होने के नाते यह मेरी जिम्मेदारी थी कि मैं अपने पिता के साथ खड़ा रहूं। मैं बीजेपी पर कुछ भी आरोप नहीं लगा रही हूं। मैं सिर्फ पार्टी में उन लोगों पर आरोप लगा रहा हूं जो इसे और हमारे काम को बदनाम कर रहे हैं।
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बीजेपी की संघमित्रा मौर्य ने कहा कि इससे पहले उन्होंने 2 मार्च को अपने पिता और सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के काफिले पर हमला करने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं पर आरोप लगाया था। गौरतलब है कि इससे पहले भी जब अपर्णा यादव के बीजेपी में शामिल होने के बाद उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा था कि ”संस्कार, शब्द अच्छा है लेकिन संस्कार है किसके अंदर? हफ्ते भर पहले एक बेटी का पिता पार्टी बदलता है तो पुत्री पर वार हो रहा था, आज वही एक बहू अपने चचेरे भाई (योगी जी) के साथ एक पार्टी से दूसरी पार्टी में आती है तो स्वागत। क्या इसको भी वर्ग से जोड़ा जाना चाहिए कि बेटी (मौर्य) पिछड़े वर्ग की है और बहू (विष्ट) अगड़े वर्ग से हैं।”
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