ग्रामीण सुरक्षा समितियों के सदस्यों को धर्म के आधार पर बांट रहे हैं अब्दुल्ला, बीजेपी बोली- वीडीजी की सेवाएं अमूल्य

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@abhijitjasrotia

जसरोटिया ने आगे कहा कि वीडीजी को भाजपा कार्यकर्ता बताकर उन्हें धर्म के नाम पर बांटने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने उमर अब्दुल्ला को याद दिलाया कि 1987 के चुनाव में धांधली के बाद ही यहां आतंकवाद शुरू हुआ था। उन्होंने कहा कि उमर अब्दुल्ला को अच्छी तरह पता है कि वीडीजी क्यों बनाए गए थे। हत्याओं के खिलाफ लड़ाई में सभी समुदायों ने बलिदान दिया है और इसी के चलते जम्मू-कश्मीर में शांति बहाल हुई।

जम्मू। भारतीय जनता पार्टी के जम्मू-कश्मीर प्रवक्ता अभिजीत जसरोटिया ने कहा है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला द्वारा ग्रामीण सुरक्षा समूह (वीडीजी) के सदस्यों को भाजपा कार्यकर्ता कहने वाले बयान को अत्यधिक आपत्तिजनक और निंदनीय करार दिया। उन्होंने कहा कि उमर अब्दुल्ला गांव सुरक्षा समूह (वीडीजी) को धर्म के आधार पर विभाजित कर रहे हैं। जसरोटिया ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में वीडीजी की सेवाएं और बलिदान अमूल्य हैं और इन युवाओं ने सुरक्षा बलों और पुलिस के साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर में शांति की बहाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

भारतीय जनता पार्टी के चुनाव मीडिया सेंटर में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए पार्टी प्रवक्ता अभिजीत जसरोटिया ने उमर अब्दुल्ला के भद्रवाह में वीडीजी को लेकर दिए गए बयान की निंदा की। प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी प्रवक्ता जीएल रैना (पूर्व एमएलसी), बलबीर राम रतन और मीडिया प्रमुख डॉ. प्रदीप महोत्रा भी मौजूद थे। जसरोटिया ने कहा कि यह एक बेहद गंभीर मामला है कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने भद्रवाह में एक सभा में वीडीजी  को भाजपा का कार्यकर्ता बताया। उन्होंने कहा कि इस बयान में उन वीर जवानों और वीडीजी का अपमान किया गया जिन्होंने अपनी जान की परवाह न करते हुए हमें आतंकवाद से बचाया।

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जसरोटिया ने आगे कहा कि वीडीजी को भाजपा कार्यकर्ता बताकर उन्हें धर्म के नाम पर बांटने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने उमर अब्दुल्ला को याद दिलाया कि 1987 के चुनाव में धांधली के बाद ही यहां आतंकवाद शुरू हुआ था। उन्होंने कहा कि उमर अब्दुल्ला को अच्छी तरह पता है कि वीडीजी क्यों बनाए गए थे। हत्याओं के खिलाफ लड़ाई में सभी समुदायों ने बलिदान दिया है और इसी के चलते जम्मू-कश्मीर में शांति बहाल हुई। 

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जसरोटिया ने कहा कि न सिर्फ हिंदू बल्कि मुस्लिमों को भी हथियार दिए गए और यह धर्म के आधार पर नहीं था, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सभी ने हिस्सा लिया। उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस पर आरोप लगाया कि उन्होंने वीडीसी/वीडीजी को कमजोर किया और गरीबी और अभावों के बावजूद वीडीजी ने अपनी सेवाएं दीं।

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