AAP CM कैंडिडेट भगवंत मान की सीट तय, जानें 2017 में संगरूर की धुरी में कैसा था पार्टी का प्रदर्शन
संगरूर जिले के अंतर्गत आने वाली धुरी विधानसभा सीट पर पिछले चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) ने जसवीर सिंह जस्सी सेखों को उतारा था और उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इस सीट से मौजूदा विधायक कांग्रेस पार्टी के दलवीर सिंह गोल्डी हैं। जिन्हें पिछले चुनाव में 49,347 वोट मिले थे। जो कुल वोट का 38.42 फीसदी है।
मोहाली। पंजाब में विधानसभा चुनाव को लेकर रस्सीकस्सी जारी है। ऐसे में आम आदमी पार्टी (आप) ने मुख्यमंत्री उम्मीदवार भगवंत मान को संगरूर की धुरी विधानसभा से चुनावी मैदान में उतारने का मन बनाया है। वहीं भगवंत मान ने दावा किया कि पंजाब को समृद्ध बनाने के लिए आम आदमी पार्टी सरकार पंजाब के हित वाला आर्थिक मॉडल लागू करेगी और भ्रष्टाचार मुक्त शासन मुहैया कराएगी। 48 वर्षीय भगवंत मान एक नेता के रूप में काफी लोकप्रिय हैं। वह पंजाब की संगरूर लोकसभा सीट से दो बार सांसद चुने जा चुके हैं। पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार चुनने के लिए आम आदमी पार्टी की ओर से किए गए सर्वे में 93 फीसदी लोगों ने उनका समर्थन किया।
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Punjab polls | AAP CM candidate Bhagwant Mann to contest from Dhuri, Sangrur district, Punjab: Sources
— ANI (@ANI) January 20, 2022
(file photo) pic.twitter.com/OVZrZALVif
धुरी विधानसभा सीट
संगरूर जिले के अंतर्गत आने वाली धुरी विधानसभा सीट पर पिछले चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) ने जसवीर सिंह जस्सी सेखों को उतारा था और उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इस सीट से मौजूदा विधायक कांग्रेस पार्टी के दलवीर सिंह गोल्डी हैं। जिन्हें पिछले चुनाव में 49,347 वोट मिले थे। जो कुल वोट का 38.42 फीसदी है। हालांकि आम आदमी पार्टी उम्मीदवार ने कांटे की टक्कर दी थी लेकिन वो 2,811 वोट से चुनाव गंवा बैठे।
क्या चन्नी और मान के बीच होगा मुकाबला ?
आम आदमी पार्टी ने भगवंत मान को मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित किया है। ऐसे में क्या मुकाबला चरणजीत सिंह चन्नी बनाम भगवंत मान होने वाला है ? यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि पिछले चुनाव में 20 सीटें जीतकर आम आदमी पार्टी प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। हालांकि 9 विधायकों ने पार्टी का साथ छोड़ दिया। उस वक्त आम आदमी पार्टी ने मुख्यमंत्री का चेहरा भी घोषित नहीं किया था और ऐसा माना जा रहा है कि इसी कारण उन्हें पिछले चुनावों में काफी नुकसान उठाना पड़ा था। तभी तो पार्टी ने सीख लेते हुए भगवंत मान को अपना मुखिया बनाया।
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राजनीतिक विशेषज्ञ पंजाब चुनाव को 'चन्नी बनाम मान' ही मान रहे हैं। क्योंकि पिछले चुनावों में भी दोनों पार्टियां ही मैदान में दिखाई दीं। शिरोमणि अकाली दल की लोकप्रियता घटी है क्योंकि वहां की जनता शिअद को एक परिवार की पार्टी मानने लगी है। लेकिन इस बार मुकाबला बदल भी सकता है क्योंकि अमरिंदर सिंह की पंजाब लोक कांग्रेस और भाजपा एकसाथ मजबूती के साथ टक्कर देने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।
दलित बनाम जाट सिख की लड़ाई
पंजाब में 32 से 34 फीसदी दलित वोट है और मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी दलित सिख हैं। तभी तो उन्होंने सबसे पहले चुनाव आयोग को पत्र लिखकर मतदान की तारीख को आगे बढ़ाने की अपील की थी और फिर तमाम दलों ने भी यही मांग की। जिसे देखते हुए चुनाव आयोग ने 14 फरवरी की जगह 20 फरवरी को मतदान कराने की घोषणा की। वहीं भगवंत मान जाट सिख समुदाय से आते हैं और प्रदेश में उनकी आबादी करीब 25 फीसदी है।
कौन हैं भगवंत मान ?
अक्टूबर 1973 में संगरूर के सातोज गांव में जन्मे भगवंत मान ने सुनाम के शहीद ऊधम सिंह कॉलेज में बीकॉम में दाखिला लिया था। उन्होंने कोर्स तो पूरा नहीं किया, लेकिन कई युवा महोत्सवों में हिस्सा लेते रहे। बाद में भगवंत मान ने कई कॉमेडी वीडियो और म्यूजिक एल्बम पेश किए। वह कई पंजाबी फिल्मों में अभिनय करते भी नजर आए। इनमें 22जी तुस्सी घैंट हो और पुलिस इन पॉलीवुड शामिल है। हालांकि, 2000 के दशक में प्रसारित टीवी शो द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज बतौर हास्य कलाकार उनके कॅरियर में मील का पत्थर साबित हुआ।
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भगवंत मान के सियासी कॅरियर की शुरुआत साल 2011 में हुई थी, जब वह मनप्रीत सिंह बादल के नेतृत्व वाली पीपुल्स पार्टी ऑफ पंजाब (पीपीपी) से जुड़े थे। बाद में पीपीपी का कांग्रेस में विलय हो गया था। भगवंत मान साल 2012 में संगरूर की लहरा विधानसभा सीट से बतौर पीपीपी उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे थे और उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद साल 2014 में भगवंत मान ने आम आदमी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। उन्होंने 2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव जीता। हालांकि 2017 के विधानसभा चुनाव में भगवंत मान ने जलालाबाद विधानसभा सीट से अपनी किस्मत आजमाई थी लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
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