एकनाथ शिंदे पर फिर बरसे आदित्य ठाकरे, कहा- निवेश को लेकर हमारे CM कहीं जाते ही नहीं
अपने बयान में आदित्य ठाकरे ने कहा कि अंतर्राज्यीय निवेश संबंधों को ध्यान में रखते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत महाराष्ट्र आते हैं लेकिन हमारे असंवैधानिक सीएम कहीं नहीं जाते हैं।
महाराष्ट्र से टाटा-एअरबस परियोजना के गुजरात में शिफ्ट हो जाने के बाद से वहां की राजनीति गर्म है। विपक्ष जबरदस्त तरीके से एकनाथ शिंदे और उनकी सरकार पर निशाना साध रहा है। इन सबके बीच आदित्य ठाकरे ने आज फिर से एकनाथ शिंदे पर बड़ा आरोप लगा दिया। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि राज्य में निवेश को लेकर हमारे सीएम गंभीर नहीं है और वह कहीं जाते भी नहीं हैं। अपने बयान में आदित्य ठाकरे ने कहा कि अंतर्राज्यीय निवेश संबंधों को ध्यान में रखते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत महाराष्ट्र आते हैं लेकिन हमारे असंवैधानिक सीएम कहीं नहीं जाते हैं। इसके साथ ही आदित्य ठाकरे ने उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर भी निशाना साधा।
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आदित्य ठाकरे ने कहा कि अगर इस वक्त मैं डिप्टी सीएम होता तो इस्तीफा दे देता और नए सिरे से चुनाव का विकल्प चुनता क्योंकि उनकी भी छवि खराब हो रही है। उसके साथ ही साथ आदित्य ठाकरे ने उदय सामंत पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री ने मीडिया से कहा कि वे टाटा-एअरबस परियोजना को राज्य में लेने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन वे असफल रहे। अब मैं मुख्यमंत्री से उद्योग मंत्री का इस्तीफा स्वीकार करने के लिए कहना चाहता हूं। इससे पहले ठाकरे ने शिंदे पर निशाना साधते हुए उनकी सरकार को पूरी तरीके से फेल बताया था। अपने बयान में आदित्य ठाकरे ने कहा था कि यह चौथी बड़ी परियोजना है जो इस सरकार के आने के बाद महाराष्ट्र से बाहर हो गई।
इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार का इंजन फेल है, भले ही केंद्र अच्छा कर रहा हो, राज्य सरकार विफल रही है। एक बार भी मैंने सीएम से नहीं सुना कि टाटा-एयरबस परियोजना महाराष्ट्र में आएगी। रक्षा मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि यूरोपीय कंपनी एयरबस और भारतीय समूह टाटा का एक कंसोर्टियम (संघ) गुजरात के वडोदरा में भारतीय वायु सेना के लिए सी-295 परिवहन विमान का निर्माण करेगा। इस परियोजना के तहत पहली बार निजी कंपनी द्वारा सैन्य विमान का निर्माण भारत में किया जाना है। परियोजना की कुल लागत 21,935 करोड़ रुपये है। विमान का इस्तेमाल नागरिक उद्देश्यों के लिए भी किया जा सकता है।
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